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पत्नी ने पति पर लगाया नाजायज संबंध का झूठा आरोप, हाईकोर्ट ने लताड़ा
विधि संवाददाता/शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने मंगलवार को कहा कि पति पर नाजायज संबंध का झेठा आरोप लगाना पत्नी की ओर क्रूरता (Cruelty) है। कोर्ट ने यह कहते हुए तलाक (Divorce) के आदेश को चुनौती देने वाली पत्नी की अपील को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि निश्चित रूप से पत्नी ने अपने पति पर जो आरोप लगाए हैं, वे अपमान और क्रूरता के सबसे खराब रूप हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि वैवाहिक रिश्ते (Marital Relation) बहुत नाजुक होते हैं। ऐसे रिश्तों को बनाए रखने के लिए लंबे समय तक आपसी विश्वास, आदर और प्रेम की आवश्यकता होती है।
कोर्ट ने कहा कि हालांकि हिंदू मैरिज एक्ट (Hindu Marriage Act) में क्रूरता को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन इसका उपयोग अधिनियम में मानवीय आचरण या व्यवहार के संदर्भ में किया गया है। क्रूरता किसी एक के आचरण का वह क्रम है, जो दूसरे के व्यवहार को प्रभावित करता है। क्रूरता शारीरिक, मानसिक, जानबूझकर और अनजाने में हो सकती है। यदि क्रूरता शारीरिक है तो यह तथ्य और डिग्री का विषय है, परंतु यदि यह मानसिक है तो यह पता लगाने की जरूरत रहती है कि उस क्रूरता का जीवनसाथी के दिलो-दिमाग पर क्या असर पड़ रहा होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि उस क्रूरता से जीवनसाथी (Life Partner) के साथ रहना हानिकारक और नुकसानदायक हो रहा हो तो उनके जीवन में दखल दिया जा सकता है।
यह है पूरा मामला
मामले के अनुसार पति जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है, जबकि पत्नी पीटीए शिक्षक (PTA Teacher) है। वर्ष 2005 में दोनों की शादी हुई और करीब तीन साल तक दोनों में रिश्ते सौहार्दपूर्ण रहे। इस बीच उन्हें एक बेटी हुई। बेटी जब सात माह की थी तो पत्नी को पीटीए शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिली। यह नियुक्ति घर से 50 किलोमीटर की दूरी पर मिली तो वह अपनी सात माह की बेटी को सास की देखरेख में छोड़कर नौकरी करने आ गई। कुछ माह बाद पति का तबादला हो गया, जिस कारण बच्ची को स्कूल हॉस्टल में डालना पड़ा। पत्नी की नौकरी लगने के बाद से पूरे परिवार में कड़वाहट शुरू हो गई।
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कोर्ट ने कहा कि मामले की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए घर से 50 किलोमीटर की दूरी पर नौकरी (Job) के लिए जाना विवाद का प्रश्न है। पत्नी ने अपने ससुराल वालों पर तरह तरह के गंभीर आपराधिक आरोप और पति पर किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंधों के आरोप लगाने शुरू कर दिए। पत्नी के परिवारजनों ने उसे फोन पर तंग करना शुरू कर दिया जबकि एक दिन तो वह पति के कार्यालय में पहुंच कर अवैध संबंधों (Illegal Relation) को लेकर झूठे आरोप लगाने लगी। इस तरह बढ़ते मानसिक तनाव को देखते हुए मजबूरन पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दायर कर दी। पति ने अपने पक्ष में 9 और पत्नी ने 5 गवाह पेश किए। फैमिली कोर्ट (Family Court) ने प्रार्थी के आरोपों को सही पाते हुए क्रूरता के आधार पर दोनो के बीच तलाक का फैसला सुनाया। इस फैसले को पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील के माध्यम से चुनौती दी थी।