-
Advertisement
Ease of Doing Business Ranking: हिमाचल ने बनाई Top 10 में जगह, पहले पर आंध्र, दूसरे पर यूपी
Last Updated on September 5, 2020 by saroj patrwal
नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से आज घरेलू और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने और राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस( Ease of Doing Business Ranking) मामले में राज्यों की रैंकिंग ( Ranking)जारी की गई। इस रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश( Himachal Pradesh) टॉपटेन में जगह बनाने में कामयाब हुआ है। इस बार हिमाचल सातवें स्थान पर रहा है जबकि इससे पहले 2018 में जब यह रैंकिंग जारी हुई थी तो हिमाचल सातवें स्थान पर था।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को राज्य व्यापार रिफॉर्म एक्शन प्लान 2019 रैंकिंग यानी ईज ऑफ डूइंग में राज्यों की रैंकिंग जारी की। इस रैंकिंग में पहले स्थान पर आंध्रप्रदेश , दूसरे पर उत्तर प्रदेश और तीसरे स्थान पर तेलंगाना रहा है। यह रैंकिंग सौ सूचकांकों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन पर आधारित है। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का चौथा संस्करण है। इस दौरान केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित रहे।
2030 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
हरदीप सिंह पुरी ने इस वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि 2024-25 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2030 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भारत का है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से भारत महामारी के बाद ग्लोबल सप्लाई चेन में तेजी से उभरकर आने को तैयार है। 2024-25 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2030 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भारत का है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से भारत महामारी के बाद ग्लोबल सप्लाई चेन में तेजी से उभरकर आने को तैयार है।
डीपीआईआईटी अनुबंध का प्रवर्तन, दिवाला निपटान, कारोबार शुरू करना, संपत्ति का पंजीकरण, कर का भुगतान और सीमापार व्यापार जैसे मानकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए रैंकिंग जारी करता है। विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग 2020 में भारत ने 2014 के 142वें रैंक के मुकाबले 63वें स्थान पर छलांग लगाई थी। मालूम हो कि इसका उद्देश्य घरेलू व वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना है। और इसके लिए कारोबारी माहौल में सुधार लाने के लिए राज्यों के बीच प्रतिद्वन्द्विता शुरू करना है।