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आखिरी साल है, फिर विधायक बने ना बने कम से कम शिमला में घर तो बना लें
शिमला। सियासत में गरीबों को सपना दिखाकर जनप्रतिनिधि सत्ता की चाभी हथिया लेते हैं। फिर गरीबों के घर बनवाने का वादा भूलकर वे अपना आशियाना बनाने की जुगत में लग जाते हैं। हिमाचल प्रदेश (Himachal) के कई माननीय विधायक भी बीते कुछ रोज से इसी जुगत में लगे हुए हैं। इन माननीय विधायकों (MLA) ने हिल्स ऑफ क्वीन शिमला (Shimla) में आशियाने बनाने की चाहत पाल रखी है। वहीं, इसे पूरा करने के लिए सरकारी अमले पर पूरी जोर लगा रहे हैं। इन माननीयों को राजधानी में सरकारी जमीन चाहिए।
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कहीं अगली बार नहीं जीते तो…
साल 2022 में एक बार फिर इन माननीयों को उन्हीं गरीबों के चौखट को खटखटाना है। जिन्हें पिछली बार वे ये दिलासा दे आए थे कि उनकी हर मांग को वे सरकार से पूरी करवाएंगे। अब उन बेचारे गरीबों की कितनी मांग पूरी हुई ये तो वे अगले साल होने वाले चुनाव में वोटों के जरिए दिखाएंगे। माननीयों को इसी बात का डर है। कहीं अगली बार जनता ने विधायक बनाकर शिमला नहीं भेजा, तो वे शिमला में रसूख के दम पर घर नहीं बना पाएंगे। इन्हीं बातों के चलते वे एमएलएल हाउसिंग सोसायटी के नाम पर सरकारी जमीन अलॉट कराने की जद्दोजहत में लगे हुए हैं। हालांकि, नियमों में पेंच को भांप कर अब 99 साल की लीज पर अपनी सोसायटी के लिए सरकारी जमीन मांग रहे है। इधर, कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार उनकी यह भाग-दौड़ निरर्थक है।
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दो जगह जमीन भी देख आए हैं विधायक साहब!
सियासी गलियारों से खबर तो यह भी सामने आ रही है कि माननीयों गुपचुप दौड़भाग कर शिमला में दो जगह जमीन भी पसंद कर ली है। राजधानी के शोघी और तारादेवी में 49 बीघे का एक बड़ा भूखंड है। शोघी का भूखंड देश के राष्ट्रपति के नाम पर है। वहीं, मौजूदा समय में इसका कब्जा परिवहन विभाग के पास है। वहीं, तारादेवी में 100 बीघे की जमीन उद्योग विभाग के नाम पर है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार इसमें बीजेपी के बड़े नेता भी शामिल हैं। इस मसले को लेकर शिमला में ब्यूरोक्रेट्स के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। बताया जाता है कि तारादेवी के समीप जो जमीन है, उसके लिए राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी होगी। जबकि, जाठिया देवी में टाउनशिप पहले से ही प्रस्तावित हैं। माननीयों के लिए अगर नियमों में संशोधन करना हो तो मामला कैबिनेट में ले जाना पड़ेगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ही माननीयों को लीज पर आशियाना बनाने के लिए जमीन मिल सकती है।