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रावी नदी के किनारे बसे चंबा के कुछ ऐसे रहे हैं समीकरण
हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य है,सुंदरता प्रकृति ने यहां दिल खोलकर दी है। हर किसी जिला की अपनी पहचान है। चंबा (Chamba) को दो वजह से जाना जाता है। एक तो यहां की मिंजर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है। मिंजर के मेले लगते हैं यहां पर। दूसरा चंबा रूमाल (Chamba Rumal) की पहचान दुनियाभर में एक अलग ही है। रावी नदी (Ravi River) किनारे बसे चंबा जिला मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर ही आपको अहसास होने लगेगा कि आप मिंजर (Minjar) वाले शहर में पहुंच चुके हैं। रावी नदी के बहते पानी की आवाज पूरे चंबा शहर में सुनाई पड़ती है। इससे कानों को एक सुखद अनुभूति होती है। जिला चंबा का भरमौर क्षेत्र तो जनजातीय इलाका कहा जाता है,इसकी सीमाएं जेएंडके से जुड़ी हुई हैं। खैर आज हम विधानसभा चुनाव 2022 को ध्यान में रखते हुए चंबा सदर सीट (Chamba Sadar) की बात करने जा रहे हैं।
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वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में यहां से बीजेपी को जीत हासिल हुई थी। भारतीय जनता पार्टी से पवन नैयर (Pawan Nayar of Bharatiya Janata Party) ने इस सीट पर जीत दर्ज कर कांग्रेस के नीरज नैयर को मात दी थी। इससे पहले 2012 में भी इस सीट पर बीजेपी को ही जीत हाथ लगी थी। वर्ष 2017 के दौरान 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था, जिसमें बीजेपी के पवन नैयर को कुल 49.33 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी नीरज नैयर (Congress candidate Neeraj Nayar) को कुल 45.9 प्रतिशत वोट मिले थे। इनमें 1.2 प्रतिशत वोटर ऐसे थे जिन्होंने नोटा का बटन दबाया था। अब तक के चुनावी इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो इस क्षेत्र में हर वर्ष वोटरों की संख्या लगभग 5 हजार तक बढ़ जाती है। क्षेत्र के मौजूदा हालातों की बात की जाए तो यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से समृद्ध है, लेकिन यहां काफी समय से पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। चंबा के वोटर इस मर्तबा क्या निर्णय लेते हैं,इस बात का इंतजार करना होगा।