-
Advertisement
एक सीट ऐसी यहां बीजेपी-कांग्रेस कैंडिडेट के नाम एक जैसे
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Pradesh Assembly Election 2022) के लिए अब तो कांग्रेस-बीजेपी (Congress-BJP) के कैंडिडेट की पहली लिस्ट भी आ चुकी है। इसमें बात ऊना विधानसभा सीट की करें तो इन दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने कैंडिडेट भी घोषित कर दिए हैं। मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होना है तो दोनों कैंडिडेट वर्ष 2017 में भी आमने-सामने हो चुके हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा (Satpal Singh Raizada) को यहां से जीत मिली थी। इस बार का परिणाम किसके पक्ष में होगा ये तो जनता के मूड पर ही निर्भर करता है।
यह भी पढ़ें- हिमाचल विधानसभा चुनाव: आदित्य विक्रम सिंह और आश्रय शर्मा ने थामा बीजेपी का दामन
ऊना सीट (Una Seat) पर अभी कांग्रेस काबिज है। वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में यहां कुल 50.20 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस दौरान कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा ने बीजेपी के सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Singh Satti) को 3,196 वोटों के अंतर से हराया था। दोनों ही नाम से सतपाल हैं,मुकाबला भी रोचक रहता है। अगर बात इतिहास की करे तो ऊना विधानसभा सीट पर वर्ष 1972 में कांग्रेस के प्रकाश चंद, 1977 में जेएनपी से देसराज, 1982 में बीजेपी से देसराज, 1985 में कांग्रेस के वीरेंद्र गौतम, 1990 में बीजेपी से देसराज,1993 में कांग्रेस के ओपी रतन, 1998 में कांग्रेस के वीरेंद्र गौतम, 2003 में बीजेपी से सत्यपाल सत्ती, 2007 में बीजेपी से सत्यपाल सत्ती, 2012 में बीजेपी से सतपाल सत्ती, 2017 में कांग्रेस से सतपाल सिंह रायजादा यहां के विधायक बने।
बात अब वोट की करें तो 1972 में कांग्रेस के प्रकाश चंद को 9,796 वोट मिले थे। 1977 में जेएनपी से देसराज को 8,001 वोट, 1982 में बीजेपी से देसराज को 14,707 वोट, 1985 में कांग्रेस के वीरेंद्र गौतम को 13,663 वोट, 1990 में बीजेपी से देशराज को 22,585 वोट, 1993 में कांग्रेस के ओपी रतन को 14,014 वोट, 1998 में कांग्रेस के (Virender Gautam) वीरेंद्र गौतम को 18,201 वोट, 2003 में बीजेपी से सतपाल सत्ती को 27,651 वोट, 2007 में बीजेपी से सतपाल सत्ती को 33,050 वोट, 2012 में बीजेपी से सतपाल सत्ती को 26,835 वोट व 2017 में कांग्रेस से सतपाल सिंह रायजादा को 31,360 वोटों से जीत हासिल हुई थी।
रोचक ये है कि बीजेपी-कांग्रेस के दोनों ही कैंडिडेट (Candidates) का नाम सतपाल ही नहीं बल्कि सत्ती भी है। लेकिन चुनावी राजनीति में आने से पहले मौजूदा कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने अपना सरनेम सत्ती से बदलकर सतपाल रायजादा कर लिया था। चूंकि दोनों के ही नाम एक जैसा होने से वोटर को भी कंफ्यूजन रहता था। यानी कांग्रेस वाले सतपाल रायजादा भी पहले सतपाल सत्ती ही थे।