-
Advertisement
हिमाचली लोक कलाकार विद्यानंद सरैक को राष्ट्रपति ने पद्मश्री पुरस्कार से किया सम्मानित
राजगढ़। हिमाचल प्रदेश में लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए सोमवार शाम को राष्ट्रपति भवन में जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के विद्यानंद सरैक को पदमश्री पुरस्कार से नवाजा गया। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) द्वारा पदमश्री पुरस्कार (Padma Shri Award) पीएम नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आवंटित किए गए। राजगढ़ उपमंडल के देवटी मझगांव निवासी विद्यानंद सरैक को पदमश्री पुरस्कार लोक साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए प्रदान किया गया।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: हर स्वास्थ्य केंद्र को डॉक्टर सहित मिलेंगे तीन कर्मी, नहीं चलेगा कोई जुगाड़ या बहाना…
बता दें कि विद्यानंद सरैक ने जिला सिरमौर (Sirmaur) सहित हिमाचल प्रदेश की लोक संस्कृति के संरक्षण में दशकों से अहम योगदान दिया गया। इससे पहले वर्ष 2017 में विद्यानंद सरैक (Vidyanand Saraik) को राष्ट्रपति अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। विद्यानंद सरैक लोक गायन, लोक संगीत तथा हिमाचली लोक संस्कृति के संरक्षण में लंबे समय से प्रयासरत हैं। विद्यानंद सरैक ने हिमाचल की लोक संस्कृति को उपन्यासों तथा किताबों में संजोया है। अब तक कई किताबें लोक संस्कृति के संरक्षण में लिख चुके हैं।
यह भी पढ़ें: हिमाचलः जेबीटी शिक्षक के बैंक खातों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम, आयकर विभाग ने भेजा नोटिस…
82 वर्षीय विद्यानंद सरैक ने 8 वर्ष की आयु में दिल्ली जाकर ऑल इंडिया रेडियो पर पहली बार राष्ट्रीय मंच पर जाकर कार्यक्रम किया था। उसके बाद से आज तक 82 वर्ष की उम्र तक वह लगातार हिमाचली लोक संस्कृति (Himachali Folk Culture) के संरक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। उनके सैकड़ों शिष्य लोक संस्कृति के संरक्षण की भूमिका निभा रहे हैं। विद्यानंद सरैक ने जिला सिरमौर के सीहटू व भडलाटू नृत्य के संरक्षण में विशेष योगदान दिया है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में विद्यानंद सरैक ने जिला सिरमौर की शान लोईया पहनकर राष्ट्रपति से पदमश्री पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर उनके साथ उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group…