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MLA Priority Meeting: साल 2024-25 के लिए 9990 करोड़ रुपये की होगी हिमाचल की वार्षिक योजना
MLA Priority Meeting: लेखराज धरटा/शिमला। साल 2024-25 के लिए हिमाचल प्रदेश की वार्षिक योजना (Annual Plan Of Himachal Pradesh) का आकार करीब 9990 करोड़ रुपए होगा। यह 2023-24 के लिए तय वार्षिक योजना से करीब 466 करोड़ रुपए अधिक है। 2023-24 की वार्षिक योजना 9523.82 करोड़ की थी। इसका ऐलान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को विधायक प्राथमिकता बैठक (MLA Priority Meeting) की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। प्रथम दिन के पहले सत्र में जिला ऊना, हमीरपुर तथा सिरमौर के विधायकों की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।
सीएम ने बताया कि सरकार ने वार्षिक योजना 2024-25 का आकार 9989.49 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया है। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में पनबिजली और नवीनीकृत ऊर्जा के क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के लिए विश्व बैंक (World Bank ) के साथ 2000 करोड़ रुपये का समझौता किया गया है। उन्होंने कहा कि विधायकों की प्राथमिकताओं को सामान्यतः नाबार्ड संचालित आरआईडीएफ (RIDF) कार्यक्रम से वित्त पोषित किया जाता है।
नाबार्ड का पूरा बजट उपयोग करने के आदेश
वर्ष 2023-24 के दौरान नाबार्ड से 918.81 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं जिसमें लोक निर्माण विभाग (PWD) की 62 एवं जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department) की 93 विधायक प्राथमिकताएं स्वीकृत करवाई जा चुकी हैं। मार्च माह तक नाबार्ड से और अधिक विधायक प्राथमिकताओं को स्वीकृत करवाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। सीएम ने लोक निर्माण विभाग एवं जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट परिव्यय का पूर्ण उपयोग करें और नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च, 2024 से पहले जमा करें।
विधायकों की समस्याओं, शिकायतों के निवारण में देरी न करें
सीएम ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विधायकों द्वारा उठाई गई समस्याओं एवं शिकायतों (Problems And Complaints of MLAs) को निपटाने में किसी प्रकार की कोताही न बरतें तथा उनके बहुमूल्य सुझावों को उचित अधिमान दें।
विधायकों की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनने में देर न हो
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायकों की योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Project Report) के बनने में होने वाले विलम्ब को कम करने के लिए एफसीए, एफआरए तथा गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समयबद्ध निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करें और इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए।
विधायकों ने रखी ये मांगें
ऊना: विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने पुराने कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान विधायक निधि के नियमों को बदलकर रिटेनिंग वॉल (Retaining Wall) आदि के लिए प्रभावितों को धन देने का प्रावधान किया है जिसे जून, 2024 से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
गगरेट: विधायक चैतन्य शर्मा ने दौलतपुर चौक महाविद्यालय और स्कूल को अलग-अलग परिसर में स्थापित करने तथा उनके क्षेत्र में नशा माफिया पर लगाम कसने की मांग की।
कुटलैहड़: विधायक देवेंद्र भुट्टो ने खिलाड़ियों की डाइट मनी (Hike Diet Money) बढ़ाने तथा खेल संघों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की मांग की। उन्होंने बेसहारा पशुओं को सहारा प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने का भी आग्रह किया।
हमीरपुर: विधायक सुरेश कुमार ने सीर खड्ड का तटीयकरण करने की मांग की। उन्होंने क्षेत्र में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने का मुद्दा उठाया और भोरंज स्कूल (Bhoranj School) में बहु-उद्देशीय हॉल बनाने की मांग की। हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने हमीरपुर में पॉलीक्लीनिक खोलने तथा जिला मुख्यालय में नया मिनी सचिवालय खोलने की मांग की।
बड़सर: विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने की मांग की। उन्होंने विद्युत आपूर्ति के लिए आधारभूत ढांचा सुदृढ़ करने और सड़कों के साथ उचित निकासी की व्यवस्था करने तथा बिझड़ी में पुलिस थाना खोलने का आग्रह किया।
सिरमौर: पच्छाद की विधायक रीना कश्यप ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिरगुल और भूरेश्वर मंदिर के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करने की मांग की। उन्होंने सराहां-चंडीगढ़ सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र बनाने की मांग की।
नाहन: विधायक अजय सोलंकी ने डॉ. यशवन्त सिंह परमार चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा नर्सों के पदों को भरने की मांग की। उन्होंने भूमिहीनों को गृह निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने की मांग की।
पांवटा: विधायक सुख राम चौधरी ने यमुना नदी की हिमाचल की सीमा तय करने की मांग की, ताकि वहां पर अवैध खनन (Illegal Mining) को रोकने की मांग की। उन्होंने क्षेत्र के किसानों को टयूबवेल चलाने के लिए बिजली के लंबित कनेक्शन शीघ्र प्रदान करने की मांग की और पांवटा साहिब में पार्किंग की समस्या का समाधान करने का भी आग्रह किया।