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ब्रेकिंगः बिजली बोर्ड के फरमान से Hotel और रेस्टोरेंट कारोबारियों की उड़ी नींद
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते देश में लागू लॉकडाउन (Lockdown) व उसके बाद अनलॉक होने के बावजूद कई क्षेत्रों का कामकाज बिल्कुल ठप हो गया है। होटल इंडस्ट्री भी इन्हीं में से एक है। लॉकडाउन में एक ओर जहां काम बंद रहा, वहीं हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड (Himachal Pradesh State Electricity Board) के फरमान ने होटल उद्यमियों को झटका दे दिया है। मार्च से मई माह तक मीटर रीडिंग के आधार पर बोर्ड द्वारा जारी लाखों रुपए के बिजली बिलों (Electricity Bills) ने होटल व रेस्टोरेंट कारोबारियों की नींद उड़ा दी है। होटल संचालकों ने यह बिल 30 जून से पहले नहीं भरा तो उनके कनेक्शन कट जाएंगे। मार्च माह से होटल व रेस्टोरेंट में कामधाम बंद होने के बावजूद होटल स्टाफ, श्रमिकों को वेतन व अन्य विभागों की लाइसेंस फीस (License Fee) के साथ-साथ बैंक की किश्तों का भुगतान करने वाले कारोबारियों का कहना है कि यह विद्युत बोर्ड का तुगलगी फरमान है।
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इस संबंध में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट (Hotel And Restaurant) एसोसिएशन ऑफ हिमाचल प्रदेश के राज्य सह-संयोजक संजीव गांधी ने सीएम जयराम ठाकुर(CM Jai Ram Thakur) को मेल करके कारोबारियों की पीड़ा व्यक्त करते हुए राहत की गुहार लगाई है। धर्मशाला होटल एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि जनवरी के बाद ही कोरोना के चलते होटल उद्योग बैठ गया है। आने वाले जुलाई माह तक राहत की उम्मीद नहीं है। सिर्फ धर्मशाला मैक्लोडगंज के होटल उद्योग से जुड़े कारोबारियों को करोड़ों रुपए की क्षति पहुंची है। ऐसे में विद्युत बोर्ड का यह आदेश तर्कसंगत नहीं है। होटल एसोसिएशन ने सीएम से गुहार लगाते हुए इन आदेशों को वापस लेने की मांग की है।
कारोबार को भी पुनः शुरू करने का पूरा बोझ होटल कारोबारी उठाएं
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ हिमाचल प्रदेश (एफओएचआरए) के राज्य सह-संयोजक संजीव गांधी ने कहा कि प्रदेश सरकार संकटग्रस्त होटल उद्योग को कोरोना वायरस युक्त होने का पूरा बोझ होटल कारोबारी उठाएं और कारोबार को भी पुनः शुरू करें। पर्यटन विभाग(Tourism Department) के 8 जून से होटलों का परिचालन फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। प्रदेश में पर्यटन उद्योग को पुनः खोलने के लिए एसओपी व दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने के लिए एसोसिएशन की टीम को स्वीकार कर लिया है। निदेशक पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव देवेश कुमार ने हिमाचल में पर्यटन उद्योग खोलने के लिए एसओपी दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने के लिए 26 जून को आयोजित होने वाली वीडियो कांफ्रेंस (Video conference) में पंद्रह सदस्यीय पैनल को आमंत्रित किया है। पंद्रह सदस्यीय पैनल में धर्मशाला, मनाली, शिमला, डलहौजी, चंबा, कसौली, खजियार, मंडी और बिलासपुर के अनुभवी होटल व्यवसायी शामिल हैं।
क्या बोले बोर्ड अधिकारी
होटल कारोबारियों ने बताया कि कोरोना के कहर के साथ ही पूरे प्रदेश में चार माह से होटल संचालकों की आमदनी बिल्कुल नहीं थी। इसके साथ ही राज्य विद्युत बोर्ड (State Electricity Board) द्वारा भी 27 जून तक बिल जमा करवाने के निर्देश दिए। बोर्ड के संयुक्त निदेशक अनुराग पराशर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने होटल व रेस्टोरेंट को पहले ही अप्रैल से सितंबर माह तक डिमांड चार्ज पूर्णतया माफ कर दिया है। बिल एमआरआई मशीन दवारा ली गई रीडिंग के आधार पर एक्चुअल कंसम्पशन पर जारी किए गए हैं। पूर्व में बोर्ड ने मार्च माह के बिल अप्रैल माह में जमा करने और पिछले औसत के आधार पर जमा करने के आदेश दिए थे। कारोबारी 30 मई से पहले पार्ट टाइम भुगतान कर सकते थे। अब यह योजना लागू नहीं है। ऑनलाइन बिल का भुगतान करने पर 1 प्रतिशत छूट का प्रावधान है।