-
Advertisement
एक कदम आत्मनिर्भर भारत की ओर
Last Updated on October 28, 2020 by Sintu Kumar
कांगड़ा। दिवाली और दिये का रिशता उतना ही पावन है जितना भगवान राम और माता सीता का। दिवाली आने वाली है तो आप दिये भी खरीदेंगे । तो देखिए दिये बनते कैसे और इन्हें बनाने में कितनी मेहनत लगती है। हम हमेशा बात करते हैं आत्मनिर्भर भारत कि पर भारत आत्मनिर्भर बनेगा कैसे क्या आपने कभी सोचा है। जब आप स्वदेशी नहीं अपनाएंगे तो भला भारत आत्मनिर्भर कैसे बानेगा। एक शख्स जो मिट्टी के दिए, बर्तन बना कर अपना घर चलाता है, जब आप उससे दिये खरीदने की वजाय विदेशों से लाया सामान खरीदते हैं तो वो कहां जाएगा अपना घर कैसे चलाएगा। सोचा है कभी आपने ? बड़ा सवाल यही कि इस तरह भारत आत्मनिर्भर कैसे बनेगा।