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सांसद निधि बंद कर और सबकी Salary काट कर कितना बचा लेगी मोदी सरकार, यहां जानें
Last Updated on April 7, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है। इस बीच सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया। जिसके तहत पीएम व केंद्र सरकार के मंत्रियों समेत सभी सांसद 1 अप्रैल, 2020 से एक साल तक 30% कम वेतन लेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति व राज्यपालों ने भी सामाजिक उत्तरदायित्व को समझते हुए स्वेच्छा से वेतन में 30% की कटौती को स्वीकार किया है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2020-21 व 2021-22 के लिए सांसद निधि को स्थगित करने का निर्णय लिया है। अब सरकार द्वारा यह निर्णय लिए जाने के बाद से ये सवाल उठने लगे हैं कि आखिरइतनी कटौती कर सराकर कितने रुपयों की बचत करेगी और इन पैसों का क्या इस्तेमाल किया जाएगा। तो आइये जानते हैं उन्हीं सवालों का जवाब।।।
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सांसद निधि को 2 साल के लिए स्थगित करने से कितनी बचत होगी?
निधि को स्थगित किए जाने से करीब 7,900 करोड़ रुपए की बचत होगी जिसे सरकार के कोष में जमा कराया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सर्वसम्मति से लिए निर्णय के बाद सांसद निधि की तकरीबन पूरी रकम 7900 करोड़ रुपए भारत की संचित निधि (कोष) में जमा होगी। बता दें कि प्रत्येक सांसदों को हर साल 5 करोड़ रुपए उनके सांसद निधि के तहत मिलता है।
सांसदों के वेतन का 30 प्रतिशत काटकर कितनी बचत करेगी सरकार?
संसद के दोनों सदनों के 790 सांसदों (लोकसभा के 551 और राज्यसभा के 239 सांसद) के वेतन से 30 फीसदी की कटौती होगी। सांसदों की सैलरी 1 लाख रुपये है तो प्रत्येक सांसदों की सैलरी से 30 हजार रुपए कटेंगे और इस तरह से हर महीने 2 करोड़ 37 लाख रुपए बचेंगे।
शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की सैलरी काटकर कितने रुपए बचा लेगी सरकार?
इसके अलावा राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपए है तो उपराष्ट्रपति को 4 लाख रुपए प्रति माह सैलरी मिलती है। जबकि राज्यपाल की सैलरी 3.5 लाख है तो केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात उपराज्यपाल को 1.10 लाख रुपए सैलरी मिलती है। इसी तरह से पीएम की सैलरी 2 लाख रुपए है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से देश के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों और सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती से करीब 25 करोड़ रुपए की बचत होगी।