-
Advertisement
हनुमान जयंती पर इस तरह करें बजरंगबली को प्रसन्न, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Last Updated on April 26, 2021 by saroj patrwal
हनुमान जी की महिमा कौन नहीं जानता। हनुमान जी को भगवान राम का परम भक्त और भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हुआ । इस बार हनुमान जयंती 27 अप्रैल को है । हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली की पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।इस दिन मंगलवार पड़ रहा है। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित माना जाता है। मंगलवार को ही हनुमान जयंती पड़ने से इस पर्व की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।
ये भी पढ़ेः जानिए क्या हैं वो सात चीजें जिनको सिर्फ देखने से ही मिलता है पुण्य
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 26 अप्रैल 2021 की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन: 27 अप्रैल 2021 की रात्रि 9 बजकर 01 मिनट पर
इस दिन सुबह स्नान करके भगवान के सामने चौमुखी दिया जलाएं।
हनुमान जयंती के दिन भगवान राम- सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी है। कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी मनवांछित फल देते हैं। इसके अलावा सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालीसा का जाप विशेष फलदायी है। इस बार कोरोनावायरस के कारण भले ही मंदिरों में हनुमान जयंती नहीं मनाई जाएगी लेकिन आप घर पर बैठकर ही पूजा-अर्चना कर सकते हैं। हम आपको बताते हैं कि घर पर किस तरह से हनुमान जी की पूजा करनी है और आपको किन वस्तुओं की आवश्यकता होगी
ये भी पढ़ेः मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए आज करें ये उपाय , खुल जाएगी किस्मत
हनुमान जी को पुरुष वाचक पुष्प जैसे गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं।
स्त्रीवाचक फूलों को जैसे जूही, चमेली, चम्पा, बेला आदि न चढ़ाएं।
पूजन में लाल व पीले वस्त्र, केसरयुक्त चंदन, मूंज की यज्ञोपवीत, विशेष शुभ प्रभावी होते हैं।
प्रसाद के रूप में मालपुआ, लड्डू, हलुआ, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं।
गाय के घी के दीपक को अर्पित करें।
इस दिन दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज न खाएं।
ऊर्जा उत्साह और बल प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदर काण्ड का पाठ करें।
हनुमान जयंती व्रत तथा पूजा विधि हनुमान जयंती के दिन व्रत रखने वाले जातकों को कुछ नियमों का पालन करना होता है।
हनुमान जयंती की पूर्व रात्रि जमीन पर सोना चाहिए।
साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें। आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रभु श्री राम, सीता मैया और हनुमान जी का स्मरण करें। स्नानादि कार्य से निवृत हो जाएं।
अब हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें और उसकी विधिवत पूजा करें।
हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करें। आप पूजा के समय “ॐ हनु हनुमते नमो नमः, श्री हनुमते नमो नमः” मंत्र का जप करें।
बजरंगबली का आशीर्वाद पाने के लिए हनुमान जयंती के दिन उन्हें चोला, सुगंधित तेल और सिंदूर चढ़ाएं।
इस दिन जातक को रामचरितमानस का अखंड पाठ, सुंदरकांड का पाठ, हनुमान बाहुक और बजरंगबाण का पाठ अवश्य करना चाहिए।