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बच्चों को एच3एन2 वायरस से कैसे बचाएं-फ्लू के लक्षणों का कैसे पता लगाए-जानें
देश में पिछले दो महीनों से इन्फ्लुएंजा.ए या एच3एन2 वायरस (H3N2 Virus)के मामलों में तेजी आई है। बच्चों में भी इसका रिस्क बना हुआ है। बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एच3एन2 वायरस की वजह से हो रहा वायरल बुखार की आंकड़े बढ़े हैं, लेकिन अगले महीने से मामलों में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी। इस वक्त छोटे बच्चे और उम्रदराज लोग एच3एन वायरस की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। इस सबके बीच 10 में से 6 बच्चे फ्लू जैसे लक्षणों (Flu Symptoms) की वजह से अस्पताल पहुंच रहे हैं।
बुखार कम नहीं हो रहा तो ये सतर्क होने का संकेत है
जो बच्चे (Children) अस्थमा से पीड़ित हैं या फिर मोटापे, न्यूरोलॉजिकल और दिल की बीमारी जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त हैं, उनमें एच3एन2 संक्रमण (H3N2 infection)का खतरा बढ़ जाता है। वायरल संक्रमण होए कोविड-19, एडिनोवायरस या फिर एच3एन2, छोटे बच्चे हमेशा हाई रिस्क कैटेगरी में ही आते हैं। 5 साल से कम उम्र के बच्चे जो अस्थमा, डायबिटीज, दिल की बीमारी, कमजोर इम्यून सिस्टम से जूझ रहे हैं, उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। पिछले कुछ दिनों में श्वसन से जुड़े लक्षणों की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है। इन बच्चों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। इसलिए अगर संक्रमण के तीन दिन बाद भी खांसी बढ़ती जा रही है और बुखार कम होने का नाम नहीं ले रहा, तो यह सतर्क हो जाने का संकेत है। इसके अलावा एच3एन2 इन्फेक्शन जानलेवा निमोनिया का कारण भी बन सकता है, जिसमें वेंटिलेटर सपोर्ट और आईसीयू की जरूरत भी पड़ सकती है।
8 से 10 दिनों तक परेशान कर सकता है संक्रमण
तेज बुखार, भयानक बदन दर्द, सिर दर्द, खांसी, सर्दी, नाक का बहना और श्वसन से जुड़ी दिक्कतें एच3एन2 वायरस के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर (Doctor) ने कुछ बच्चों में दस्त और उल्टी जैसे गैस्ट्रिक समस्याएं भी देखी हैं। बुखार कुछ दिन में उतर जाता है, लेकिन खांसी लगातार बढ़ती जाती है। यह संक्रमण 8 से 10 दिनों तक परेशान कर सकता है। लेकिन खांसी लंबी चल सकती है। यहां तक कि हल्के मामलों में भी खांसी कई दिनों तक परेशान कर सकती है। वायरल फीवर (Viral Fever) आमतौर पर गंभीर बीमारी नहीं माना जाता, लेकिन हाल ही में पांच साल से कम बच्चों को भी श्वसन से जुड़ी दिक्कतों के चलते आईसीयू में भर्ती करा गया है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वह वक्त रहते इस वायरस के लक्षणों को पहचान लें।
नाक से निकलने वाली बूंदों फैलता है फ्लू
सीएमओ कांगड़ा डॉ. सुशील शर्मा (CMO Kangra Dr. Sushil Sharma) का कहना है कि यह फ्लू तेजी से फैलने वाला है और एक व्यक्ति से दूसरे में मुंह और नाक से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है। इसलिए साफ सफाई रखना बेहद जरूरी है साथ ही मास्क (Wear Mask) पहनना भी। हाथों को दिन में कई बार धोएं, सैनिटाइजर का उपयोग करें और भीड़.भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें। साथ ही ऐसे लोगों से दूरी बनाएं जो सर्दी, खांसी और अन्य लक्षणों से जूझ रहे हों।