-
Advertisement
High Court ने प्रोफेशनल #मिसकंडक्ट मामले में #Mohali के वकील पर ढाई लाख रुपये की कॉस्ट लगाई
Last Updated on November 21, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। प्रोफेशनल मिसकंडक्ट (Professional Misconduct) के मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट (High Court) ने मोहाली के वकील पर ढाई लाख रुपये की कॉस्ट लगाई। न्यायालय ने चार सप्ताह के भीतर प्रदेश हाईकोर्ट अधिवक्ता कल्याण कोष में कॉस्ट की राशि में से एक लाख रुपये जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों की अनुपालना बारे स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए मामले पर सुनवाई 18 दिसंबर 2020 को निर्धारित की गई है। याचिका की जांच और सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि दुष्कर्म के आरोपी व याचिकाकर्ता विक्रम सिंह ने जमानत पाने और उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) को रद्द करने के लिए जो याचिका दाखिल की, उसमें उसे ऑस्ट्रेलिया (Australia) का स्थायी निवासी दिखाया गया था, लेकिन याचिका के साथ लगे हलफनामे में उसके शपथपत्र को शिमला में 15 जुलाई 2020 को सत्यापित करवाया गया, उसी पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने मोहाली के वकील, शिमला के स्थाई वकील व शिमला के ओथ कमिश्नर को नोटिस जारी किया, जिसने हलफनामे को सत्यापित किया और इस मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रियाएं मांगी।
यह भी पढ़ें: #Himachal_ High Court की नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को फटकार, जाने मामला
मोहाली स्थित वकील ने बिना शर्त अपनी गलती स्वीकार की और अदालत के सामने माफी मांगी। एडवोकेट को फटकार लगाते हुए न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मोहाली के वकील को इस प्रकरण का दोषी पाते हुए उसे पचास हजार ओथ कमिश्नर व एक लाख रुपये स्थानीय वकील को देने के आदेश भी दिए। मोहाली (#Mohali) के वकील ने ना केवल स्थानीय वकील बल्कि ओथ कमिश्नर को भी धोखा दिया और उनके भविष्य को खतरे में डाला। कोर्ट ने वकील के कदाचार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब याचिकाकर्ता विक्रम सिंह इस अदालत के समक्ष याचिका दायर किए जाने के समय देश में नहीं था। फिर भी विक्रम सिंह की ओर से हलफनामा दायर कर उसे शिमला में दिखाया गया। ऐसा कर उसने अदालत से अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए किया।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए like करे हिमाचल अभी अभी का facebook page