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हिमाचल हाईकोर्ट ने लुहरी प्रोजेक्ट से तबाह हुए घरों की सूची मांगी
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लुहरी विद्युत परियोजना (Luhri Power Project) से तबाह हुए रामपुर के नरोला गांव के घरों की सूची तलब की है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात सरकार को यह आदेश दिए।
मामले की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि रामपुर के नरोला गांव में लुहरी विद्युत परियोजना फेज-एक का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण अवैज्ञानिक तरीके से ब्लास्टिंग (Unscientific Blasting) कर किया जा रहा है। कोर्ट को बताया गया कि सतलुज जल विद्युत निगम (Sutlej Hydropower Corporation) ने गांव की सुरक्षा के लिए डंगा लगाने का निर्णय लिया है और फंड भी जारी कर दिया है। लेकिन वन विभाग की ओर से एनओसी (NOC) न मिलने के कारण डंगे का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है।
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर ने कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि ठेकेदार के अवैज्ञानिक तरीके से ब्लास्टिंग करने के कारण घरों में दरारें पड़ी है। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि गांव के ऊपर ढांक में दरारें आने से गांव में जान व माल दोनों को खतरा बना हुआ है। कोर्ट को बताया गया कि ठेकेदार द्वारा सतलुज नदी में मलबा फेंका जा रहा है। इससे पानी के साथ पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। कोर्ट ने इन आरोपों की असलियत जानने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर के सचिव से रिपोर्ट तलब थी। मामले पर अगली सुनवाई 16 अक्तूबर को निर्धारित की गई है।