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हिमाचल हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुख सरकार को दिया बड़ा निर्देश
Last Updated on September 13, 2023 by Soumitra Roy
शिमलाः हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने सुख सरकार को प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के पद का वेतनमान और प्रवक्ता के पद पर पदोन्नति का अवसर देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ ने भाषा शिक्षक (एलटी) और शास्त्री द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत (Court) को बताया था कि वे भाषा शिक्षक (एलटी) और शास्त्री के रूप में कार्यरत थे। सभी याचिकाकर्ता बीएड हैं और शिक्षक पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। 20.08.2022 को, राज्य ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें बी.एड. का नाम बदल दिया गया। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी)-संस्कृत और टीजीटी-हिंदी के रूप में इन्हें पदनाम दिया गया।
याचिकाकर्ताओं (petitioners) ने दावा किया था कि पदों के नामकरण में बदलाव के बावजूद, उन्हें प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के पद का वेतनमान और पदोन्नति का रास्ता नहीं दिया गया है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि न केवल टीजीटी के पदों से जुड़ा वेतनमान उन्हें दिया जाना आवश्यक है, बल्कि पदोन्नति का वही चैनल भी उन्हें उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है जो टीजीटी (TGT) को उपलब्ध है। याचिकाओं को स्वीकार करते हुए, न्यायालय ने उत्तरदाताओं को निर्देश दिया है कि वे उन याचिकाकर्ताओं को प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के पद का वेतनमान और प्रवक्ता (स्कूल कैडर) के पद पर पदोन्नति का अवसर प्रदान करें, जिन्हें टीजीटी के रूप में फिर से नामित किया गया है।