-
Advertisement
हिमाचलः पत्नी की हत्या करने पर पति को उम्र कैद की सजा, 30 हजार जुर्माना
धर्मशाला। नगरोटा बगवां (Nagrota Bagwan) के हटवास के एक व्यक्ति द्वारा पत्नी की हत्या करने पर उम्र कैद की सजा सुनाई हैं। जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत (Court) ने इसके अलावा 30 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने पर दोषी को 3 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। बुधवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नितिन कुमार की अदालत ने पत्नी की हत्या (Murder) के दोषी अजय कुमार निवासी हटवास तहसील नगरोटा बगवां को यह सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी भुवनेश मिन्हास ने बताया कि मृतक प्रवीण लता की बहन सोनिया ने पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी कि अजय कुमार ने 8 अगस्त 2017 को दोपहर को फोन करके बताया कि उसने अपनी पत्नी प्रवीण लता पर कुल्हाड़ी से वार कर कर दिया है और वह कोमा में चली गई है।
यह भी पढ़ें:हिमाचल: दामाद ने ससुर की कर दी हत्या, नदी में धक्का देकर उतारा मौत के घाट
बार-बार फोन कर रहा था आरोपी
सोनिया ने आरोपी अजय कुमार की बात पर विश्वास नहीं किया। उसी दिन शाम को आरोपी अजय कुमार (Ajay Kumar) का फोन दोबारा आया और कहने लगा कि बेटे अमन व बेटी सपना को फोन कर दो, ताकि वह आकर इसका अंतिम संस्कार कर दें। इसके बाद सोनिया ने अपनी बहन के बेटे अमन को फोन (Phone) पर सारी बात बताई और बहन के मकान मालिक को भी फोन किया, जिस पर मकान मालिक ने बताया कि उसकी बहन वहां नहीं थी। 9 अगस्त को आरोपी अजय का दोबारा फोन आया और कहने लगा कि आप जाते क्यों नहीं हो, साथ ही उसने पुलिस थाने (Police Station) का नंबर भी दिया। थाने में संपर्क करने पर पता चला कि प्रवीण लता अस्पताल में उपचाराधीन है। अगले दिन 10 अगस्त को सोनिया व उसकी मां निर्मला देवी व भाई विक्रम अस्पताल पहुंचे।
यह भी पढ़ें:हिमाचल: हैवान पति ने गला घोंट की थी पत्नी की हत्या, नोएडा से ऐसे गिरफ्तार किया आरोपी
मृतका पर पत्थर से किया था वार
इस दौरान उन्होंने देखा कि प्रवीन लता के सिर व मुंह पर चोटें आई थीं और बेहोशी की हालत में थी। सोनिया (Sonia) की शिकायत पर आरोपी अजय कुमार पर जानलेवा हमला करने के आरोप लगाए गए, जिस पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच के दौरान घटनास्थल पर दो खाली बोतलें शराब की मिलीं, जिनमें से एक टूटी हुई थी व एक पत्थर मिला, जिससे पीड़िता पर वार किया गया था। 27 सितंबर, 2017 को उपचार के बाद प्रवीण लता को डिस्चार्ज कर दिया गया था, लेकिन 6 नवंबर, 2017 को पीड़िता की मृत्यु हो गई। इसके बाद अदालत ने मुकद्दमे को धारा 302 भारतीय दंड संहिता के अनुसार दर्ज किया। मुकद्दमे के दौरान अदालत में लगभग 37 गवाहों को पेश किया किया गया। मामले की पैरवी जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री व एलएम शर्मा ने की। न्यायालय ने आरोपी को को उम्र कैद व 30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group…