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World Sleep Day : बिस्तर पर जाने से पहले करेंगे ये जरूरी काम तभी आएगी अच्छी नींद
भागदौड़ और तनाव भरी दिनचर्या से नींद ना आने की समस्या आम है, मगर इसे अनदेखा करना ठीक नहीं है। उम्र बढ़ने के बाद यह समस्या और बढ़ जाती है। कई बार नींद ना आने की समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि यह हमारी मानसिक सेहत (Mental health) को प्रभावित कर देती है। तीन हफ्तों तक जारी रहने वाली अनिद्रा को ट्रांजियेंट इनसोम्निया (Transient Insomnia) कहा जाता है। इसका मुख्य कारण मानसिक संघर्ष, अपरिचित या नया वातावरण, सदमा, प्रियजनों की मृत्यु, तलाक या नौकरी में बदलाव आदि हो सकते हैं। नींद न आने का प्रमुख कारण मानसिक तनाव है। शोर-शराबे वाली जीवन शैली, अनियमित दिनचर्या, शारीरिक व्यायाम व मेहनत की कमी, ज्यादा शराब सेवन करने से भी नींद नहीं आती है।
इन बातों का रखें ध्यान :
डाक्टर की सलाह से दवा लें, पर दवा की अधिक मात्रा लेना हानिकारक हो सकता है। अच्छी नींद के लिए सोने से पहले हाथ-पैर साफ करें और तलवों की मालिश करें। इससे रक्त प्रवाह सही रहता है और थकान दूर होती है।
सुबह घूमने जाएं व योग करें। सोने का समय तय करें, भले ही आपका रूटीन कितना भी व्यस्त क्यों न हो। इससे शरीर के सोने और उठने का चक्र संतुलित हो जाता है।
शुरुआत में भले ही आपको दिक्कत होगी लेकिन नियमित निर्धारित समय पर सोने की कोशिश करेंगे, तो यह दिनचर्या में शामिल हो जाएगा और आपका शरीर उसके अनुसार ढल जाएगा।
सोने का कमरा स्वच्छ रखें। इससे मन शांत रहेगा और नींद आसानी से आएगी। बेडरूम में हल्का इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक चला सकते हैं, जिससे मानसिक शांति मिलेगी और नींद जल्दी आएगी।
आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार :
शंखपुष्पी सिरप दो चम्मच सुबह-शाम लें। अनिद्रा रोग में दूध का सेवन बहुत लाभकारी होता है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में तीन ग्राम अश्वगंधा चूर्ण मिला कर नियमित पीएं।
प्याज को भून कर व पीस कर रस निकाल लें। दो बड़े चम्मच रस नियमित पीएं, इससे नींद न आने की शिकायत दूर हो जाती है।
सौंफ, मिश्री एवं दूध का ठंडा शरबत पीने से अथवा भैंस का दूध पीकर सोने से भी नींद अच्छी आती है।
200 एमएल दूध में एक से पांच ग्राम पीपरामूल मिला कर पीने से नींद आ जाती है।
जंक फूड की जगह सुबह नाश्ते में ओटमील का प्रयोग कर सकते हैं। ये आसानी से उपलब्ध होते हैं और सेहत से भी भरपूर होते हैं। बिस्कुट लेने के बजाय नाश्ते में फल लेना भी अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इससे शरीर को अनेक प्रकार से लाभ पहुंचता है।
इसके अलावा अंकुरित अनाज भी एक ऑप्शन है। इससे भी शरीर को काफी मात्रा में फाइबर मिलता है, जो कब्ज आदि की समस्या को दूर करता है और पेट के क्रिया-कलापों को सुचारू बनाए रखता है।