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जुलाई में अल नीनो का खतरा, मौसम विभाग ने जताया औसत बारिश का अनुमान
नई दिल्ली। भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर के गर्म होने की अवधारणा (अल-नीनो) के जुलाई में विकसित होने की संभावना है। अल-नीनो (Al Nino Effect) का संबंध बारिश में कमी से जोड़ा जाता है। शनिवार को मौसम विभाग (IMD) ने जुलाई में औसत बारिश का अनुमान जताया है। जून में कम से कम 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम बारिश हुई, बिहार और केरल में सामान्य से 69 प्रतिशत और 60 प्रतिशत की भारी कमी दर्ज की गई।
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जून में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में भी सामान्य से कम बारिश हुई। महापात्रा ने कहा, ”जुलाई 2023 के दौरान पूरे देश में औसत मासिक वर्षा सामान्य (एलपीए का 94 से 106 प्रतिशत) रहने की संभावना है।” देशभर में जुलाई के दौरान वर्षा का दीर्घ अवधि औसत (LPA) वर्ष 1971-2020 के आंकड़े पर आधारित है जो करीब 280.4 मिमी है।
25 साल की बारिश पर टिका अनुमान
महापात्रा ने कहा कि हाल के अधिकांश अल-नीनो वर्षों में जून के दौरान बारिश (South West Monsoon Rains) सामान्य से कम रही है। उन्होंने कहा, ”जून में बारिश के सामान्य से कम रहने के 25 में से 16 सालों में, जुलाई में सामान्य बारिश दर्ज की गई।” उन्होंने कहा कि देशभर के 377 मौसम केंद्रों पर जून में भारी बारिश (115.6 मिमी से 204.5 मिमी) दर्ज की गई, जबकि 62 स्टेशनों पर अति भारी बारिश (204.5 मिमी से अधिक) दर्ज की गई। मौसम कार्यालय ने कहा कि जुलाई के दौरान पूर्वोत्तर और प्रायद्वीपीय भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
हिमाचल में 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में जून में 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई और इस महीने राज्य में सामान्य वर्षा 101.11 मिमी के मुकाबले 121.7 मिमी दर्ज की गई। स्थानीय मौसम विभाग ने बताया कि मंडी जिले के कटौला में 24 जून को एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश 163.3 मिमी दर्ज की गई। राज्य के शिमला, सोलन, सिरमौर, चंबा, कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर, किन्नौर, ऊना और हमीरपुर जिले में 23 से 26 जून के बीच भारी से बहुत भारी बारिश हुई। राज्य में, जून महीने में सबसे ज्यादा बारिश 241 मिमी 2013 में दर्ज की गई थी, जो 143 फीसदी अधिक थी, जबकि न्यूनतम बारिश 2018 में दर्ज की गई थी और यह 28.8 मिमी (71 प्रतिशत कम) थी।
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