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सतलुज में डूबने की कगार पर देश का यह गांव, घर छोड़कर भागे लोग
फरीदकोट। भारी बारिश और बाढ़ का पानी देश का यह पहला गांव (First Village of India) को निगलने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत-पाक सीमा के पास स्थित यह गांव चारों ओर से सतलुज की बाढ़ (Flood Water of Sutlej River) के पानी में घिरा है। गांव के 10 मकान गिर चुके हैं। कुल 50 मकानों वाले इस गांव में लोग अपना घर छोड़कर भाग चुके हैं।
गांव में वही लोग बचे हैं, जो अपने पशुओं को उफनते सतलुज दरिया के पार नहीं ले जा पाए हैं। गांव के प्राइमरी स्कूल में शरण लिए ये लोग अब नाव के सहारे हैं। हालात यह है कि सतलुज का पानी कभी घटता है तो कभी रातों-रात चढ़ जाता है। जुलाई माह में आई बाढ़ को जैसे-तैसे झेलने वाले लोग तब गांव छोड़कर नहीं नहीं गए थे, लेकिन वह अब निराश होकर गांव छोड़ रहे हैं। अपना जरूरी समान नाव पर लाद कर सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं।
Faridkot
स्कूल कब खुलेंगे पता नहीं
बाढ़ग्रस्त फिरोजपुर (Firozpur District of Punjab) जिले के स्कूलों में जिला मजिस्ट्रेट ने अवकाश (Holiday in School) की घोषणा की है, परंतु इन गांवों से बाहर उच्च शिक्षा के लिए जो स्कूल-कॉलेज हैं, वहां भी गांवों के विद्यार्थी पढ़ने के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं। महीनेभर से उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है। सरहदी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल व नेशनल अवार्डी सतिंदर सिंह ने बताया कि गांव कालूवाला के अलावा चांदीवाला, टेंडीवाला व अन्य कई गांवों के बच्चे उनके स्कूल में पढ़ने के लिए आते थे, परंतु सतलुज दरिया के उफनते रहने के कारण इन गांवों के बच्चे वर्तमान समय में स्कूल नहीं आ पा रहे हैं। वह कोशिश कर रहे हैं कि इन बच्चों को वह गांव जाकर पढ़ाएं। उन्हें पढ़ने का मैटर उपलब्ध करवाएं।
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