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India ने कहा- हिंसा बर्दाश्त नहीं, नई रणनीति से निपटेंगे; सैनिकों को हटाने पर सहमत हुआ China
Last Updated on June 23, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा (India-China Border) पर जारी तनाव के बीच दोनों देशों के सेनाओं के बीच सोमवार को कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई। इस वार्ता के दौरान भारत ने चीन (China) को कड़ा संदेश देते हुए साफ किया कि हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नई रणनीति के तहत इससे निपटा जाएगा, जिसमें गोली चलाना भी शामिल है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर 11 घंटे हुई बातचीत के बाद चीन पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हो गया है।
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तोपखाना और सैनिक साजो सामान को भी पीछे हटाने पर सहमति बनी
बतौर रिपोर्ट्स दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख से पीछे हटने पर सहमति जताई है। एलएसी से तोपखाना और सैनिक साजो सामान को भी पीछे हटाने पर सहमति बनी है। इस बैठक के दौरान भारत की तरफ से चीन से कहा गया कि वो 5 मई से पहले की स्थिति को बहाल करे। भारत (India) अपनी जमीन पर एलएसी के नजदीक सड़कों का निर्माण भी जारी रखेगा। चीन को समझाया गया कि शांति दोनों तरफ से होनी चाहिए। दोनों तरफ से शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई गई। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा, ‘कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता भारत-चीन के बीच सोमवार को सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल संपन्न हुई। दोनों देशों की सेनाओं ने सहमति जताई है कि वे पीछे हटेंगी।’
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सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख के लिए रवाना हुए
इस सब के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) मंगलवार को लद्दाख के लिए रवाना हुए हैं। वह 14 कोर अधिकारियों के साथ जमीनी स्तर पर स्थिति और चीनी सेना के साथ वार्ता में प्रगति की समीक्षा करेंगे। सेना प्रमुख मंगलवार और बुधवार को दोनों दिन लद्दाख में चीनी सेना के साथ चल रहे छह हफ्ते के गतिरोध पर वहां तैनात कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि वहां वो एलएसी के मौजूदा हालात का जायजा लेंगे। इसके साथ ही खूनी झड़प में घायल सैनिकों से मुलाकात कर सकते हैं। उधर, चीन की अंतरराष्ट्रीय घेराबंदी के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को में रूसी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।