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China छोड़ने वाली कंपनियों को लक्ज़मबर्ग के आकार से दोगुनी ज़मीन देगा India: रिपोर्ट्स
Last Updated on May 6, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। चीन (China) के वुहान में पैदा हुए कोरोनावायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में चीन को शक की निगाहों से देखने पर मजबूर कर दिया है। अब तो देश उस पर व्यापार के मामले में भी भरोसा करने से कतरा रहे हैं। जिसका फायदा उठाने के लिए भारत (India) पूरी तरह से तैयार बैठा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन छोड़ने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत 4.61 लाख हेक्टेयर ज़मीन का पूल बना रहा है जो लक्ज़मबर्ग (Luxembourg) के आकार से दोगुना है। बतौर रिपोर्ट्स, इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की 1.15 लाख हेक्टेयर औद्योगिक ज़मीन शामिल है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया की कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है।
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गौरतलब है कि भारत में निवेश की इच्छुक कंपनियों के लिए जमीन एक बड़ी बाधा रही है। पोस्को से सउदी आरामको तक भूमि अधिग्रहण में देरी से झुंझला गए। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसे बदलने की कोशिश में जुटी है, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के बाद सप्लाई में बाधा की वजह से मैन्युफैक्चरिंग बेस के रूप में निवेशकों का भरोसा चीन हटा है। बता दें कि कोरोना वायरस के कारण कई बड़ी कंपनियां चीन से बाहर अपना प्रोडक्शन प्लांट ले जाना चाहती हैं। ऐसे में भारत इन कंपनियों के लिए एक बेहतर विकल्प बन सकता है। इसके लिए भारत सरकार लगातार कोशिशें कर रही है। सरकार का मानना है कि बिजली, पानी और सड़क की सुविधा के साथ भूमि उपलब्ध कराने से कोरोना वायरस के कारण धीमी गति से चल रही अर्थव्यवस्था को नए निवेश आकर्षित करने में मदद मिल सकती है।