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कालाअंब की तीन फर्मों में कर अदायगी में अनियमितताओं की चल रही जांच, करोड़ों के लेन-देन का है मामला
Last Updated on April 29, 2023 by sintu kumar
शिमला। आयुक्त, राज्य कर एवं आबकारी, यूनुस (Commissioner, State Tax & Excise, Yunus)ने बताया कि विभाग द्वारा आज सिरमौर जिले के काला अंब क्षेत्र में तीन फर्मों का निरीक्षण किया जा रहा है। ये तीनों कंपनियां पांच राज्यों में फैली लगभग 300 फर्मों के नेटवर्क का हिस्सा हैं। इन 300 फर्मों ने 8300 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन कर 1500 करोड़ रुपये से अधिक के इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input tax credit)का लाभ उठाया। इस नेटवर्क की फर्मों की नकद भुगतान के माध्यम से कर देनदारी लगभग नगण्य है और फर्मों ने बताया है कि उनके द्वारा की गई अधिकांश देनदारी इनपुट टैक्स क्रेडिट के माध्यम से अदा कर दी गई है।
नकली/अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए ही बना था जाल
यूनुस ने कहा कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग की आर्थिक खुफिया इकाई (ईआईयू) ने विभिन्न डेटा स्रोतों के माध्यम से डेटा की जांच की और इस निष्कर्ष पर पहुंची कि इन 300 संस्थाओं के बीच लेन-देन में काफी जटिलताएं हैं और इन्होंने नकली/अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए ही यह जाल बुना था। यूनुस ने बताया कि इस पैटर्न से यह भी सामने आया कि ये नई पंजीकृत इकाइयां बहुत कम समय में बड़ी मात्रा में लेन-देन की घोषणा कर रही थीं और खुद ही रद्द करवा रही थीं। आपूर्ति शृंखला की शुरुआत में संस्थाओं ने कभी भी सरकार को कर का भुगतान नहीं किया। इसके अतिरिक्त, आपूर्ति शृंखला की शुरुआत में बड़ी संख्या में संस्थाओं को कर अधिकारियों द्वारा पूर्वप्रभावी रूप से रद्द कर दिया गया है जिससे पता लगता है कि इन फर्मों ने कागजों में जाली लेन-देन घोषित किया है। उन्होंने बताया कि इन फर्मों के कुछ भागीदार पहले भी कर चोरी की गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे। यूनुस ने बताया कि काला अंब में तीन अलग-अलग स्थानों पर तीन जिलों के 24 अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि तीसरी इकाई के सहयोग से दो संस्थाओं ने अन्य करदाताओं को 250 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का अनुचित लाभ पहुंचाया। उन्होंने बताया कि इस नेटवर्क के विरुद्ध जीएसटी कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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