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संजीव कुमार, गोहर। मंडी जिला के उपमंडल गोहर की एकमात्र चैलचौक सब्जीमंडी (Chail Chowk Sabzi mandi ) में इन दिनों सब्जी, अनाज के ढेरों की जगह पाइपों तथा रेत के ढेर देखने को मिल रहे हैं। सब्जी मंडी परिसर में हर तरफ दलदल और कीचड़ का आलम है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इलाके के किसानों के उपज उत्पादों की बिक्री के लिए घर द्वार पर मिलने वाली सहूलियतों को लेकर सब्जी मंडी का निर्माण करवाया है। जहां सरकार (Govt) ने करोड़ों रुपए की लागत से निर्माण कर सब्जीमंडी की सौगात दी है, लेकिन विभागीय कर्ताधर्ताओं तथा तैनात आढ़तियों की लापरवाही के कारण सब्जीमंडी सही तरह से विकसित नहीं हो पाई है। आलम यह है कि चंद वर्षों के अंतराल में सब्जीमंडी का परिसर गंदगी और कीचड़ का अड्डा बन गया है। जिसकी तरफ ना तो प्रशासन और ना ही सब्जीमंडी में बैठे आढ़ती ध्यान दे पा रहे हैं।
इन दिनों सब्जीमंडी का प्रांगण लोहे की पाईपों और रेत के ढेरों का गोदाम बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चैलचौक सब्जीमंडी मात्र किसानों (Farmers) की फसल खरीदने तक सीमित है, लेकिन सब्जीमंडी में बैठे आढ़ती अन्य मंडियों की भांति बाहरी राज्यों से माल लाने में असमर्थ रहे है। जिस बारे नीति बनाने में प्रशासन और आढ़ती नाकाम सिद्ध रहे हैं। सब्जीमंडी फसलों के सीजन तक ही सिमट कर रह गई। चैलचौक सब्जीमंडी में बैठे कई आढ़तियों की दुकानें महीनों से बंद पड़ी हैं। वहीं एपीएमसी मंडी के सचिव भूपेन्द्र ठाकुर का कहना है कि चैलचौक सब्जीमंडी के प्रांगण की रिपेयर के लिए करीब 15 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसकी टेंडर प्रक्रिया जारी है। वहीं सब्जीमंडी परिसर रखे लोहे के पाइप और रेत के ढेर की शिकायत मिली है। जिन लोगों ने बिना परमिशन से परिसर में सामग्री रखी हैए उन्हें तुरंत प्रभाव से जगह खाली करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
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