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Space Sector में निजी कंपनियों के लिए खुले दरवाजे, बना सकेंगे Rocket और Satellite
Last Updated on June 25, 2020 by
नई दिल्ली। भारत में स्पेस सेक्टर को लेकर इसरो ने बड़ा ऐलान किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने निजी कंपनियों के लिए स्पेस सेक्टर खोल दिया है यानी अब निजी कंपनियां भी रॉकेट और सैटेलाइट बना सकेंगी। इसरो प्रमुख के सिवन का कहना है कि अगर स्पेस सेक्टर को प्राइवेट इंटरप्राइजेज के लिए खोला जाता है तो देशभर की क्षमता का उपयोग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (Space technology) से लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह न केवल क्षेत्र के त्वरित विकास में परिणाम देगा बल्कि भारतीय उद्योग को वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण जगह बनाने में सफल बनाएगा। उन्होंने कहा कि इसी के साथ टेक्नॉलजी सेक्टर में बड़े स्तर पर रोजगार की संभावना बनेगी और भारत ग्लोबल टेक्नॉलजी पावरहाउस बनेगा।
In his address today, Dr. Sivan announced establishment of IN-SPACe under Department of Space as a separate vertical for permitting and regulating the activities of private industry in space sector.
For further details please visit: https://t.co/RyizPC1cf9
— ISRO (@isro) June 25, 2020
इसरो अध्यक्ष ने कहा, ‘अंतरिक्ष क्षेत्र जहां भारत उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी वाले देशों में से एक है। यह भारत के औद्योगिक आधार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सरकार ने निजी उद्यमों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलकर इसरो के लिए सुधार उपायों को लागू करने का निर्णय लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘लंबे समय तक सामाजिक-आर्थिक सुधार (Socio-economic reform) के हिस्से के रूप में, अंतरिक्ष सुधार भारत के विकास के लिए अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं तक पहुंच में सुधार करेंगे। दूरगामी सुधार भारत को कुछ देशों की अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए कुशल प्रचार और प्राधिकरण तंत्र में शामिल कर देंगे।’
तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ सुविधाओं को भी करेंगे साझा
सिवन ने कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की गतिविधियों को अनुमति देने और विनियमित करने के संबंध में स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए एक स्वायत्त नोडल एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दी है। जिसका नाम है भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष, संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र। यह अंतरिक्ष प्रयासों में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी (National Nodal Agency) के रूप में कार्य करेगा और इसके लिए इसरो अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ सुविधाओं को भी साझा करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘अंतरिक्ष विभाग, रॉकेट और उपग्रहों के निर्माण और प्रक्षेपण के साथ-साथ वाणिज्यिक आधार पर अंतरिक्ष-आधारित सेवाएं प्रदान करने सहित अंतरिक्ष सेवाओं को प्रदान करने में सक्षम करने के लिए क्षेत्र की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देगा। यदि अंतरिक्ष क्षेत्र (निजी उद्यमों के लिए) खोला जाता है, तो पूरे देश की क्षमता का उपयोग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। यह न केवल क्षेत्र के त्वरित विकास में परिणाम देगा बल्कि भारतीय उद्योग को वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने में सक्षम करेगा। इसके साथ प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार और भारत के एक वैश्विक तकनीकी पावरहाउस बनने का अवसर है।’