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इतना आसान नहीं होगा इजरायल के लिए गाजा पर जमीनी हमला, जानें क्यों?
तेल अवीव। इजरायल ने कहा है कि गाजा (Gaza) पर जमीनी हमले के लिए उसकी सेना अब पूरी तरह से तैयार है। बीते 8 दिन में इजरायली सेना ने गाजा पर 6000 बम गिराए हैं। अब गाजा पर जमीन, समुद्र और आसमान से एक साथ अटैक (Attack) की तैयारी है। लेकिन देरी हो रही है, क्योंकि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के पास गाजा पट्टी की सुरंगों का पूरा नक्शा (Map Of Underground Tunnels) नहीं है। ये सुरंगें इजरायली सेना के लिए कब्रगाह बन सकती हैं, क्योंकि ये सुरंगें हमास के लड़ाकों (Hamas Forces) के छिपने की जगह हैं।
इजरायली सेना की यह है तैयारी
एक अमेरिकी अखबार के अनुसार, इजरायली सेना ने अपनी फौज को जमीनी हमले के वक्त ड्रोन से कवर (Drone Cover) देने की रणनीति बनाई है। लेकिन उसे हमले से पहले अपने जवानों के लिए गाजा के इलाकों को साफ करने में दिक्कतें आ रही हैं। बीते 24 घंटे में इजरायली सेना ने गाजा में आतंकी ठिकानों पर खूब छापे मारे, लेकिन ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ। माना जा रहा है कि हमास के लड़ाकों ने गाजा में कई स्थानों पर बारूदी सुरंगें (Landmines) लगा रखी हैं। इजरायली सेना को अभी तक यह भी नहीं पता कि गाजा में हमास के कितने बंकर हैं। इन्हीं में से एक बंकर (Bunker) में हमास ने 150 से ज्यादा इजरायली लोगों को बंधक बना रखा है। इजरायली सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें डर है कि हमास बंधकों को मानव ढाल (Human Shield) के रूप में इस्तेमाल करेगा, जिससे इजरायल के लिए दुविधा पैदा हो जाएगी।
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इजरायल ने सारी हदें तोड़ दीं: चीन
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में चीन अप्रत्यक्ष रूप से फिलिस्तीन के साथ खड़ा नजर आ रहा है। इसी बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि इजरायल की सैन्य कार्रवाई ने हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल को अब गाजा पर हमले रोक देना चाहिए (Israel Should Stop Attack on Gaza), क्योंकि इसमें बेकसूर मारे जा रहे हैं। बता दें कि एक दिन पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और वांग यी के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत हुई है।
फिलिस्तीन के साथ खड़ा है चीन
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को फिलिस्तीन मामले को सुलझाने में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका टू स्टेट सल्यूशन (Two State Solution) ही एक चारा है, जिस पर एक टेबल पर बातचीत हो सकती है। बता दें कि सप्ताह के शुरुआत में भी चीन ने फिलिस्तीन की वकालत करते हुए कहा था कि एक स्वतंत्र राष्ट्र की जरूरत हो, जिसके पास सभी स्वतंत्र शक्तियां हों। वहीं इजरायल ने चीन के इस रुख पर निराशा जताते हुए कहा कि चीन ने हमास के हमले की खुलकर निंदा भी नहीं की।