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शिमला/मंडी। हिमाचल की राजधानी शिमला में मंगलवार सुबह दो कोरोना (Corona) के मामले आने के बाद जाखू स्थित एक भवन (Jakhu Bhawan) को सील (Seal) कर दिया गया है। पॉजिटिव पाई गई व्यापारी की पत्नी व बेटी यहीं पर रहती हैं। इसके चलते ये कार्रवाई अमल में लाई गई है। इसके अलावा पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया है। दोनों संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है। जाखू शिमला का हाई प्रोफाइल एरिया माना जाता है चूंकि यहीं पर पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह समेत कई अन्य वीआईपी रहते हैं।
आज सुबह जो मां-बेटी कोरोना पॉजिटिव (Positive) पाई गई हैं, दोनों पिछले सप्ताह दिल्ली से लौटी थीं और जाखू स्थित अपने घर पर होम क्वारंटाइन थीं। महिला के पति लोअर बाजार में व्यापारी हैं। शिमला (Shimla) में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है। शहर के 34 में से 10 वार्डों में कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। इन वार्डों में कई बड़े सरकारी कार्यालयों समेत 30 से अधिक भवन सील कर दिए हैं।
मंडी स्थित जोनल अस्पताल (Zonal Hospital Mandi) में महामारी के दौरान अस्पताल प्रबंधन की कोताही सामने आई है। यहां एक महिला का रसौली का ऑपरेशन बिना कोविड टेस्ट लिए ही कर दिया। ऑपरेशन के बाद महिला में जब कोरोना लक्षण दिखे तो प्रारंभिक टेस्ट में वह पॉज़िटिव निकली। जिसके बाद महिला का सैंपल लेकर जांच के लिए नेरचौक मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। ऑपरेशन थियेटर व वार्ड (Operation Theater-Ward) को सील कर दिया गया है। डॉक्टर व अन्य स्टाफ को भी आईसोलेट कर दिया गया है। उक्त महिला की 3 दिन पहले ही जोनल अस्पताल मंडी में सर्जरी हुई है जिसमें उसकी रसौली को निकाला गया। स्टाफ नर्स के पॉजिटिव आने के बाद बीती रात को गायनी वार्ड के सभी उपचाराधीन मरीजों के प्रोनेट टेस्ट किए गए जिसमें एकमात्र महिला मरीज कोरोना पॉजिटिव पाई गई। रात करीब 3 बजे इस महिला को लाल बहादुर मेडिकल कॉलेज नेरचैक शिफ्ट कर दिया है जहां पर महिला का उपचार जारी है। महिला को दोबारा कोरोना सैंपल लिया गया है जिसकी अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। वहीं जोनल अस्पताल मंडी के गायनी वार्ड और आपरेशन थिएटर को सैनिटाइज कर दिया गया है और यहां पर अब केवल अमरजेंसी वाले केस ही डील किए जा रहे हैं। जोनल अस्पताल मंडी के चिकित्सा अधिक्षक डाक्टर डीएस वर्मा ने इसकी पुष्टि की है।
प्रो नेट टेस्ट कोरोना की त्वरित जांच का एक सरल माध्यम है। यदि इसमें किसी की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उस व्यक्ति को नेगेटिव ही माना जाता है, लेकिन यदि प्रो नेट टेस्ट में किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो ऐसी स्थिति में संभावित का सैंपल मुख्य लैब में दोबारा जांच के लिए भेजा जाता है। इसके बाद मुख्य लैब से आने वाली कोरोना की रिपोर्ट को अंतिम रिपोर्ट माना जाता है।
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