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जेबीटी टीचर ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मिला सरकारी मोबाइल बेटी को दिया
सुभाष चंदेल/स्वारघाट। शिक्षा खंड श्री नयना देवी (Shri Naina Devi) के तहत आने वाले प्राथमिक स्कूल (Primary School) में जेबीटी टीचर ने कोविड काल में गरीब बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सरकार से मिले मोबाइल फोन को अपनी बेटी को दे दिया। आरोपी शिक्षक दीप कुमार का कहना है कि उन्होंने एसएमसी और स्कूल प्रबंधन (School Management) की सहमति से सरकारी फोन (Govt. Provided Phone) अपनी बेटी को दिया था। वहीं, प्राथमिक शिक्षक संघ ने जेबीटी टीचर (JBT Teacher) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, कोरोना काल में 2020-21 को जब प्रतिबंधों के कारण हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूल बंद थे, तब सरकार ने बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से रोकने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं (Online Classes) शुरू की थीं। लेकिन चूंकि कई गरीब बच्चों (Poor Students) के पास ऑनलाइन क्लास में शामिल होने के लिए स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं थे। इसे देखते हुए सरकार ने ने स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए स्मार्टफोन उपलब्ध करवाए थे।
बेटी भी उसी स्कूल में पढ़ती थी
राजकीय प्राथमिक पाठशाला श्री नैनादेवी में कार्यरत जेबीटी टीचर दीप कुमार ने सरकार से मिले 3 मोबाइल स्मार्टफोन में से एक को गरीब बच्चों को देने के बजाए उसी पाठशाला में पढ़ रही अपनी बेटी को दे दिया। इससे गरीब बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह गए। प्राथमिक शिक्षक संघ ने जेबीटी अध्यापक दीप कुमार के इस कृत्य की निंदा की है।
अध्यापक पद की गरिमा गिरी: शिक्षक संघ
संघ के महासचिव सोमचंद का कहना है कि दीप कुमार के निजी स्वार्थ के कारण अध्यापक पद की गरिमा गिरी है। उन्होंने दीप कुमार के खिलाफ कार्रवाई (Action) की मांग की है। उनका कहना है कि इस मुद्दे को लेकर संघ ने बीईईओ नैनादेवी चंद्रकांता को भी अवगत करवाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। चंद्रकांता ने कहा कि दीप कुमार की बेटी के पास दिया गया सरकारी मोबाइल करीब 9 महीने तक था। बाद में उसे किसी पात्र स्टूडेंट को दे दिया गया। उन्होंने कहा कि सारी कार्यवाही स्कूल के रिकॉर्ड (School Record) में उपलब्ध है। इस बीच, आरोपी जेबीटी अध्यापक दीप कुमार आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मोबाइल एसएमसी और स्कूल प्रबंधन की सहमति से दिये गये थे।