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बीएड धारकों को बाहर करने की मांग को लेकर सचिवालय पहुंचे जेबीटी ट्रेनी
शिमला। जेबीटी की भर्ती प्रक्रिया (JBT Recruitment Process) से बीएड धारकों को बाहर करने की मांग को लेकर जेबीटी प्रशिक्षुओं ने सोमवार को यहां राज्य सचिवालय में अपना पक्ष रखा। जेबीटी यूनियन की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के हालिया फैसले के बाद सरकार उनका पक्ष रखे और भर्ती किए गए बीएड धारकों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए।
जेबीटी यूनियन की ओर से सोनिया शर्मा ने बताया कि एक सितंबर को हिमाचल हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन (Review Petition) लगने जा रहा है। सरकार ने भी हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी यही मांग है कि 1 सितंबर को एडवोकेट जनरल जेबीटी यूनियन का पक्ष कोर्ट में रखें और बीएड शिक्षकों की सशर्त भर्तियां रद्द की जाएं, क्योंकि इन भर्तियों का आधार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिका था और अब उच्चतम न्यायालय का फैसला जेबीटी शिक्षकों के पक्ष में आया है।
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सरकार नहीं माने तो अवमानना याचिका लगाएंगे
इसके अलावा यूनियन की मांग यह भी है कि बीएड के आधार पर जिनकी भी पहले के पोस्ट कोड में भर्तियां हुई हैं, उन सभी को बाहर किया जाए। सोनिया शर्मा ने यह भी कहा कि हम यह भी चाहते हैं कि हमारे रिव्यू पिटीशन पर जल्दी फैसला आए, ताकि भर्तियां सुचारू रूप से शुरू हो सकें। इससे हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार बैठे 40 से 60 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से भी जेबीटी का समर्थन करने की उम्मीद जताते हुए कहा कि अगर सरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं मानती है तो फिर यूनियन कोर्ट में न्यायालय की अवमानना (Contempt of Court) का केस दायर करेगा।
सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में दी है चुनौती
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) की उस अधिसूचना को अवैध करार दिया, जिसके तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था। हिमाचल हाईकोर्ट में स्कूल शिक्षा बोर्ड की 5 नवंबर को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई है। अधिसूचना में बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए योग्य किया गया था। याचिका में दलील दी गई है कि NCTE की जिस अधिसूचना के तहत बीएड डिग्री धारकों जेबीटी टेट (JBT TET) के लिए योग्य किया गया है, उसे राजस्थान हाईकोर्ट रद्द कर चुका है।