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फिश एक्वेरियम ऐसे बदलेगा जिंदगी, जानिए कितनी और किस रंग की मछलियां रखना है शुभ
Last Updated on February 15, 2020 by
फिश एक्वेरियम घर में रहने से कमरे की सुंदरता तो बढ़ती ही है, साथ ही घर के वास्तुदोष भी कम होते हैं। इसमें तैरती छोटी-बड़ी रंग बिरंगी मछलियां मन को शांत रखती हैं। एक्वेरियम में नौ मछलियां रखना शुभ माना जाता है। वास्तु एक्सपर्ट पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं कि प्रत्येक मछली कुंडली के नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती हैं इसलिए एक्वेरियम में नौ मछलियों से कम नहीं होनी चाहिए। इनमें आठ मछलियां सुनहरे या लाल रंग की होनी चाहिए और एक काले रंग की मछलियां होनी चाहिए। एक्वेरियम (Aquarium) के लिए मछलियां खरीदने जाएंगे तो मछलियां जोड़े के तौर बेची-खरीदी जाती हैं, इसलिए यह संख्या फिश टैंक के अनुसार नौ से ज्यादा भी हों, तो कोई बात नहीं।
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में एसा माना जाता है कि जब कोई मछली मरती है तो वह मछली आने वाली विपत्ति अपने साथ ले जाती है इसलिए जिस रंग की मछली मर जाए उसी रंग की एक्वेरियम के लिए लानी चाहिए। उनका मानना है कि मछलियों के रंग के साथ-साथ इनका सही रखरखाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है। लोग अमूमन नारंगी, गोल्डन, काली, लाल मछली अपने एक्वेरियम में रखते हैं। वैसे आठ सुनहरी और एक काले रंग की मछली पालना सबसे अच्छा माना गया है।
एक्वेरियम सही दिशा में रखेंगे तो आएगी खुशहाली –
वास्तुशास्त्र के हिसाब से फिश एक्वेरियम रखने से घर में खुशहाली आती है। फिश एक्वेरियम को घर के बीचोंबीच, रसोर्इ घर या बैडरूम में कदापि न रखें। घर की पूर्वी या उत्तरी दिशा में रखें। घर में जहां सूर्य की रोशनी आती है, वहां फिश एक्वेरियम मानसिक दबाव को कम करता है। घर से मुख्य द्वार की तरफ देखेंगे तो इसके बायीं दिशा में रखने से वैवाहिक जीवन मधुर होता है, दायीं दिशाज्योतिष शास्त्र में एसा माना जाता है कि जब कोई मछली मरती है तो वह मछली आने वाली विपत्ति अपने साथ ले जाती है इसलिए जिस रंग की मछली मर जाए उसी रंग की एक्वेरियम के लिए लानी चाहिए। में रखने से पुरुष के एक्सट्रा अफेयर की संभावना बनती है।
फिश एक्वेरियम को घर के बीच, रसोई घर के पास और बैडरूम में नहीं रखा जाना चाहिए। फिश एक्वेरियम जहां धन की कमी नहीं होने देता है, वहीं कई प्रकार के मानसिक तनावों से भी बचाता है।
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एक्वेरियम को पूरब, उत्तर और पूर्व-उत्तर की दिशा में रखना शुभ माना जाता है। साथ ही दाम्पत्य जीवन में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए इसे मुख्य द्वार के बाईं ओर रखना चाहिए। वहीं इसे दाईं ओर रखने से घर के पुरुष का मन चंचल होता है।
फिश एक्वेरियम को किचन या बेडरूम में नहीं रखना चाहिए। इस जगह पर एक्वेरियम रखने से नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। एक्वेरियम के द्वारा घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए समय-समय पर इसका पानी बदलते रहना चाहिए, साथ ही मछलियों की संख्या नौ होनी चाहिए।
इनमें से आठ मछली लाल और सुनहरे रंग की और एक काले रंग की होनी चाहिए। फेंगशुई के अनुसार काले रंग की मछली से घर के लोगों पर किसी भी तरह की बुरी नजर नहीं लगती है। एक्वेरियम में समय-समय पर मछलियां मरती रहती है। मरी हुई मछली को तुरंत निकालकर किसी नदी या तालाब में बहा देना चाहिए।
फेंगशुई के अनुसार एक्वेरियम में जब कोई मछली मरती है तो वह अपने साथ नकारात्मक शक्तियों को लेकर चली जाती है।
यहां रखें फिश एक्वेरियम –
वास्तु के अनुसार फिश एक्वेरियम को घर के बरामदे के साउथ वेस्ट कोने में रखना चाहिए और ये कोना ऐसा हो जिससे घर में आने वाले हर इंसान की नजर फिश एक्वेरियम पर पड़ सके।
एक्वेरियम को कभी भी मुख्य द्वार के समीप भी नहीं रखना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है। उत्तर-पूर्व दिशा में फिश एक्वेरियम रखना धन, संपत्ति और स्मृद्धि का प्रतीक माना जाता है इसलिए इस दिशा में यह एक्वेरियम रखना शुभ माना जाता है।
दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए इसे मुख्य द्वार के बाईं ओर रखें।
दाईं ओर रखने से घर के पुरूष का मन चंचल होता है और पराई स्त्रियों के प्रति उनका आकर्षण बढ़ता है।
दिशा का निर्धारण करने का तरीका यह है कि घर के अंदर मुख्य द्वार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं। जो भाग आपके दाएं होगा उसे दाहिना भाग कहेंगे और दूसरा भाग बायां कहलाएगा।