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आज है राधाष्टमी, जानें पूजा का शुभ महूर्त व व्रत का महत्व
Last Updated on September 4, 2022 by sintu kumar
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को बरसाने में राधारानी का जन्म हुआ था। पंचांग के अनुसार, इस साल यह तिथि 4 सितंबर, रविवार को है। मान्यता है कि राधाष्टमी के दिन विधि-विधान से राधा रानी के साथ भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने पर साधक की सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होती है। जिस राधाष्टमी के व्रत को करने पर सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद का प्राप्त होता है। राधा अष्टमी इस साल 03 सितंबर दोपहर 12:28 बजे से प्रारंभ होकर 04 सितंबर 2022 को प्रात:काल 10:39 बजे समाप्त होगी। चूंकि सनातन परंपरा में उदया तिथि ही मान्य है, इसलिए राधा अष्टमी का पावन पर्व 04 सितंबर 2022 को मनाई जाएगी।
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राधा अष्टमी के दिन की जाने वाली यह पूजा दोपहर के समय की जाती है। ऐसे में इस दिनस्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले राधा रानी के लिए रखे जाने वाले व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की मूर्ति अथवा फोटो को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराने के बाद उनका पुष्प, वस्त्र, गहनों आदि से श्रृंगार करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी को फल-फूल, धूप-दीप, भोग आदि अर्पित करके उनके स्तोत्र, चालीसा और मंत्र को श्रद्धा एवं विश्वास के साथ पढे़। इस व्रत को विधि-विधान से करते हुए दूसरे दिन किसी सुहागिन महिला को श्रृंगार की वस्तुएं, भोजन सामग्री आदि देने के बाद इस व्रत का पारण करें। ध्यान रहे कि राधा अष्टमी पर सिर्फ राधा रानी की पूजा ना करें, बल्कि उनके साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करें।
हिंदू धर्म में जिस तरह बगैर सिया के राम अधूरे माने जाते हैं, उसी तरह बगैर राधा के श्रीकृष्ण अधूरे माने जाते हैं। यही कारण है कि इनकी पूजा करने पर पुण्यफल भी दोनों का एक साथ प्राप्त होता है। मान्यता है कि राधाष्टमी की विधि-विधान से पूजा करने पर विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। इस पावन व्रत को करने पर व्यक्ति के जीवन में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।