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धूमल की तरह ना हो वन मंत्री का हाल, सुशांत व परमार की जुगलबंदी पलटेगी समीकरण
Last Updated on October 19, 2022 by Vishal Rana
फतेहपुर। हमेशा से हॉट सीट माने जाने वाली फतेहपुर सीट (Fatehpur Seat) इस बार पहले से ज्यादा हॉट मानी जा रही है। बीजेपी (BJP) ने अपने वन मंत्री राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) को यहां से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। लेकिन बीजेपी से निष्कासित पूर्व राजस्व मंत्री डॉ राजन सुशांत वा पुर्व राज्य सभा सांसद एवं बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार (Kripal Parmar) की अंदर खाते चल रही बैठकों ने राकेश पठानिया की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यही कारण है कि यहां पर चुनावी गर्मी बढ़ने से बीजेपी (BJP) को पसीना आना लाजमी है। सूत्रों की मानें तो पूर्व राज्य सभा सांसद कृपाल परमार व डॉक्टर राजन सुशांत (Dr Rajan Sushant) की गुप चुप वार्ता हो चुकी है। अगर विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर के पिछले चुनावों पर नजर दौड़ाएं तो बीजेपी बहुल क्षेत्र फतेहपुर में कांग्रेस पिछले 13 वर्ष से विजय भव का आशीर्वाद प्राप्त किए हुए है और लगता है की यह आशीर्वाद लंबा चलने वाला है।
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बता दें कि पिछले हर चुनाव में बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं ने ही बीजेपी की नैया डुबोने में वा कांग्रेस को जीताने में अहम भूमिका निभाई है और ऐसा ही इस वर्ष भी संकेत मिल रहे है। अब सबसे बड़ा सवाल यह बनता है की पहले से ही फतेहपुर के एक दर्जन टिकट के दावेदारों को दरकिनार कर व आज तक हमेशा से ही बाहरी नेताओं का विरोध होने के बाबजूद भी बाहरी प्रत्याशी को फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का टिकट (BJP Ticket) देना कहा तक उचित रहेगा। हाईकमान द्वारा राकेश पठानिया को फतेहपुर बीजेपी का प्रत्याशी बनाना टिकट के अन्य दावेदारों वा नेताओं के लिए गले में फंसी उस हड्डी के समान बन गया है, जिसे ना तो निगला और ना ही उगला जा सकता है। अब हालात ये बन गए हैं की टिकट के दावेदार दुवक कर बैठ गए, लेकिन होने वाले चुनावों में क्या गुल खिलेंगे यह पिछले चुनावों में देखने को मिल गया था। जब इस बारे में बीजेपी मंडल अध्यक्ष राजिंदर राणा से बात की तो उन्होंने बताया की पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है व जो प्रत्याशी के लिए मंडल की तरफ से वोटिंग हुई थी, उसी के अनुसार निर्णय आया है।
कहीं धूमल की तरह वन मंत्री को तो नहीं लगाया जा रहा साइडलाइन
लोगों की मानें तो पार्टी हाइकमान ने इस बार राकेश पठानिया के साथ वही किया है तो 2017 चुनाव में प्रेम कुमार धूमल (Prem Kumar Dhumal) के साथ किया गया था। वन मंत्री राकेश पठानिया को उनके चुनाव क्षेत्र नूरपुर से टिकट ना देकर फतेहपुर से दी गई है। यह ठीक वैसा ही फैसला माना जा रहा है, जैसा बीजेपी हाईकमान ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रेम कुमार धूमल के साथ किया था। तब पार्टी ने धूमल को हमीरपुर से ना लड़ाकर सुजानपुर (Sujanpur) से टिकट दिया था। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि धूमल की तरह ही राकेश पठानिया को भी पार्टी हाइकमान कहीं साइडलाइन लगाने का प्रयास तो नहीं कर रही। वन मंत्री पठानिया की जगह नूरपुर से रणवीर सिंह निक्का को टिकट दिया गया है।