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शिमला। कोरोना काल में फ्रंट लाइन में खड़े डॉक्टरों के वेतन कटौती के सरकार के फैसले की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कड़ी आलोचना की है। कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश में अनुबंध आधार पर चल रहे डॉक्टरों (Doctors on Contract Basis) के वेतन में की गई कटौती पर हैरानी जताई और उनके रोष को उचित ठहराया। राठौर ने कहा कि कोरोना जैसी गंभीर बीमारी में यह डाक्टर लोगों की सेवा में जुटे हैं, ऐसे में इनके वेतन (Salarie) में कटौती कर प्रदेश सरकार ने इनके साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना (Corona) योद्धाओं के साथ इस प्रकार का भेदभाव उचित नहीं है। राठौर ने जयराम सरकार (Jai Ram Govt.) से अनुबंध आधार पर लगे डॉक्टरों के वेतन कटौती के फैसले को तुंरत वापस लेने की मांग की है।
कुलदीप राठौर (Kuldeep Rathore) ने कहा कि कांट्रेक्ट पर लगे डॉक्टरों की ग्रेड पे पर किसी भी प्रकार की कोई कटौती नही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए इनके प्रोत्साहन हेतु ग्रेड पे देने का फैसला किया था। उन्होंने इस साल जनवरी से अनुबंध आधार पर लगे उन डॉक्टरों को दिए गए ग्रेड पे से किसी भी प्रकार की रिकवरी के आदेश पर भी कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि इस प्रकार के निर्णय प्रदेश में कॉन्ट्रैक्ट पर लगे सभी डॉक्टरों के मनोबल को प्रभावित कर सकतें है।
राठौर ने स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में अनुबंध आधार पर लगे उन सभी कर्मचारियों को भी स्थाई (Permanent) करने की मांग की है जो अपना अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। उनका कहना है कि विभाग में पंद्रह सौ के करीब ऐसे स्वास्थ्य कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं जो अपना अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। इसमें अधिकतर पैरा मेडिकल स्टाफ है जो लैब तकनीशियन से लेकर लैब असिस्टेंट, एक्स-रे, डेटा ऑपरेटर कॉन्सलियर, एचआईवी, एचआईवी एड्स कंट्रोल सोसायटी, एनआरएचएम व आरएनटीसीपी के तहत लगे सभी कर्मचारी जो इन पदों पर पिछले कई सालों से अपनी नियमित सेवाएं दे रहें है।
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