-
Advertisement
लक्ष्मी विलास बैंक का #DBIL में विलय का रास्ता साफ, लाखों जमाकर्ताओं और हजारों कर्मचारियों को राहत
Last Updated on November 25, 2020 by Sintu Kumar
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBS Bank India Limited) के साथ विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union Minister Prakash Javadekar) ने बुधवार को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए साझा की। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ विलय से लक्ष्मी विलास बैंक के करीब 20 लाख जमाकर्ताओं और लगभग चार हजार कर्मचारियों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही ATC में एफडीआई को भी मंजूरी दे दी गई और नेशनल इनवेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश को भी मंजूरी दी गई है। गौर रहे कि रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के DBS बैंक में विलय के आदेश दिए थे। ATC Telecom Infra में 2480 करोड़ के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। टाटा समूह की कंपनी एटीसी के 12 फीसदी शेयर एटीसी पैसिफिक एशिया ने लिए हैं।
यह भी पढ़ें: शुरू हो गया November: 15 दिन बैंक रहेंगे बंद, त्योहारों की भरमार और छुट्टियां अपार
#Cabinet Briefing https://t.co/6mCZghf3Hc
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 25, 2020
बता दें कि आरबीआई ने 17 नवंबर को दक्षिण भारत केंद्रित लक्ष्मी विलास बैंक को एक महीने के मोरेटोरियम पर डाल दिया था। आरबीआई ने बैंक को आदेश दिया था कि अगले एक महीने तक बैंक से कोई भी ग्राहक 25 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल पाएगा। आपात स्थिति में बैंक से 5 लाख रुपये निकाले जा सकते हैं। स्वास्थय, शादी, शिक्षा जैसे जरूरी कामों के लिए यह रकम निकाली जा सकती है, लेकिन इसके लिए ग्राहकों को सबूत भी दिखाना होगा।
लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय हालत
बताते चलें कि लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय हालत पिछले तीन साल से खराब चल रही थी। जून 2020 में बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 0।17 फीसदी तक पहुंच गया था, जबकि इसे कम से कम 9 फीसदी होना चाहिए था। वित्त वर्ष 2020 तक बैंक का लोन बकाया 13,827 करोड़ रुपये और जमा 21,443 करोड़ रुपये था।