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Lockdown ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल, टमाटर समय पर नहीं बिके तो होगा करोड़ों का नुकसान
Last Updated on April 30, 2020 by Vishal Rana
सुंदरनगर। कोरोना महामारी एक ओर जहां तांडव मचा रही है वहीं दूसरी ओर मंडी जिला की बल्ह घाटी और सुंदरनगर में कोरोना और लॉकडाउन (Lockdown) के चलते टमाटर की फसल उगाने वाले किसानों के लिए मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। टमाटर की खेती के चलते पिछले कई वर्षों से मिनी पंजाब कहलाने वाली बल्ह घाटी से करोड़ों रुपयों का टमाटर प्रदेश और अन्य राज्यों में बेचने के लिए भेजा जाता है। यहां पर टमाटर की फसल (Tomato crop) को लेकर फरवरी से अगस्त माह तक कार्य चलता है और इसके लिए किसान किराए पर खेत और बैंकों से लोन भी लेते हैं। लेकिन इस बार कोरोना और लॉकडाउन के चलते टमाटर की फसल मंडियों में नहीं पहुंच पाई तो किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
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ऐसे में टमाटर उत्पादकों को अंतिम उम्मीद अब सरकार से ही है। टमाटर उत्पादक किसान सतीश कुमार सैनी और अमित कुमार का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से क्षेत्र में टमाटर का उत्पादन करते हैं और जून माह में उनकी टमाटर की फसल तैयार होने वाली है। इस वर्ष कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। कृषि करने के लिए लेबर तो उनके पास है लेकिन फसल तैयार होने पर उनकी फसल को मंडियों में पहुंचाने और उसे बेचने को लेकर परेशानी आएगी। उन्होंने कहा कि कुछ किसानों ने टमाटर की खेती के लिए लोन और किराए पर खेत भी लिए हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान का डर सता रहा है।