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बैसाखी के दिन यहां हर “मन्नत” होती है पूरी
Last Updated on April 13, 2021 by Deepak
पूरे देश में भगवान ब्रह्मा जी के केवल दो ही मंदिर हैं, एक राजस्थान के पुष्कर में और दूसरा हिमाचल के ऊना में। ऊना की खुबसूरत शिवालिक की पहाड़ियों के बीच भगवान ब्रह्मा की नगरी है , जिसे ब्रह्माहुति के नाम से जाना जाता है। राजस्थान के पुष्कर के बाद पूरे भारत में भगवान ब्रह्मा यहाँ पर वास करते हैं। कहते हैं इस स्थान पर भगवान ब्रह्मा ने अपने पौत्रों के उद्धार के लिए सभी देवी- देवताओं के साथ आहुतियाँ डाली थी। मंदिर के साथ ही सतलुज नदी बहती है , जो पुराने समय में ब्रह्म गंगा के नाम से प्रसिद्ध थी। इसी नदी के मुहाने पर मंदिर के साथ एक कुंड है जिसे ब्रह्म-कुंड कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करके सच्चे मन से ब्रह्मा जी से जो भी मन्नत मांगों वो जरूर पूरी होती है और पाप धुल जाते हैं । विशेष रूप से बैसाखी के दिन स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है, कहते हैं की बैसाखी के दिन इस स्थान पर भगवान ब्रह्मा जी श्रधालुओं पर विशेष कृपा करते हैं। इस बैसाखी कोरोना महामारी के चलते मंदिर में इक्का दुक्का श्रद्धालु ही पहुंचे थे, जबकि कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर सुबह साढ़े 4 बजे ही मंदिर में पहुंचे सतलुज नदी में स्नान करने के बाद गंगा आरती में हिस्सा लिया। कृषि मंत्री ने वीरेंद्र कंवर ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को वैदिक नववर्ष और बैसाखी की बधाई दी। वहीँ कंवर ने कहा कि धूमल सरकार के समय से इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का बीड़ा उठाया गया है और भविष्य में भी यह क्रम जारी रहेगा।