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ज्ञान और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए ऐसे करें बृहस्पतिवार का व्रत
सनातन परंपरा में सप्ताह के सभी सातों दिन किसी न किसी ग्रह या देवी-देवता के लिए समर्पित है। गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति की साधना-आराधना के लिए समर्पित है, जिनकी कृपा से साधक के सभी दु:ख दूर होते हैं और सुख-संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि कुंडली में गुरु ग्रह के मजबूत होने पर जातक को कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है। आइए गुरु ग्रह से जुड़े इस पावन व्रत को करने की संपूर्ण विधि और उपाय जानते हैं।
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जीवन में यदि आपको ज्ञान और सौभाग्य की प्राप्ति करनी हो तो आपको पूरे विधि-विधान से बृहस्पतिवार का व्रत अवश्य करना चाहिए। यह व्रत उन कन्याओं के लिए भी अत्यंत शुभ एवं मंगल वरदान देने वाला होता है, जिनके विवाह में बाधाएं आ रही होती हैं। मान्यता है कि गुरुवार के व्रतानुष्ठान करने से कन्याओं का शीघ्र ही विवाह होता है। छात्रों के लिए यह व्रत सर्वोत्तम है। बृहस्पतिवार का व्रत करने से परीक्षा-प्रतियोगिता आदि में सफलता मिलती है।
बृहस्पतिवार का व्रत हमेशा शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से प्रारम्भ करना चाहिए और इसे कम से कम 16 व्रत तो अवश्य ही करने ही चाहिए। संभव हो तो आजीवन भी कर सकते हैं। मान्यता है कि इसे लगातार तीन वर्ष तक करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।
बृहस्पतिवार व्रत के दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर देवगुरु बृहस्पति के मंत्र ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ अथवा ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः’ की 3 या 11 माला जपें। इस मंत्र का जाप संभव होते पीले चंदन की माला या फिर तुलसी की माला से करें। बृहस्पति देव की पूजा पीले फूलों से करें और प्रसद में चने के बेसन की बनी मिठाइयां, लड्डू, हल्दी वाले चावल अर्पित करें।
देवगुरु बृहस्पति का व्रत करने वाले साधक को गुरुवार वाले दिन हल्दी मिले जल से स्नान करना चाहिए। साथ ही साथ पीले रंग के कपड़ों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। गुरु ग्रह की शुभता पाने के लिए पहले बृहस्पति देव को केसर या हल्दी का टीका लगाएं और उसी को प्रसाद स्वरूप अपने माथे पर ग्रहण करें।
ऐसा ही माना गया है कि बृहस्पति ग्रह की अनुकूलता के लिए कुछ ऐसे काम हैं, जो गुरूवार के दिन नहीं करने चाहिए
– पिता, गुरू और साधु-संत बृहस्पति का प्रतिनिधि करते हैं। कभी भी इनका अपमान न करें।
– इस दिन खिचड़ी ना तो घर में बनाएं और ना खाएं।
– महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए। कहा जाता है की इससे संपत्ति और संपन्नता सुख में कमी आती है।
– इस दिन नाखून नहीं काटने चाहिए। इससे घर में नकारात्मकता आती है।
– इस दिन पुरुषों को दाढ़ी नहीं बनानी चाहिए। इससे गुरु कमजोर होता है और जीवन में बाधाएं आती हैं।
– इस दिन महिला और पुरुषों को बाल नहीं कटवाने चाहिए। इससे बृहस्पतिवार कमजोर हो जाता है और उन्नति में बाधाएं आती हैं।
– इस दिन महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए। गुरुवार का दिन पति और संतान का कारक होता है। इस दिन सिर धोने से बृहस्पति की स्थिति कमजोर हो जाती है।