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गुजरात के बाद अब इन 2 राज्यों के ट्रैवल एजेंटों ने भी किया शिमला का बायकॉट, जानें वजह
शिमला। हिमाचल में कोरोना में मंदी की मार झेल चुके पर्यटन कारोबारियों (Tourism Businessmen) को अब अच्छे कारोबार की उम्मीद है, लेकिन इसी बीच समर टूरिस्ट सीजन की शुरुआत में ही हिल्सक्वीन शिमला (Shimla) के पर्यटन कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है। गुजरात (Gujarat) के ट्रेवल एजेंटों के बाद अब महाराष्ट्र और बंगाल (Maharashtra and Bengal) के ट्रैवल एजेंटों ने भी शिमला का बायकॉट करने का एलान कर दिया है। महाराष्ट्र और बंगाल के ट्रैवल एजेंटों ने भी बसें ना भेजने की चेतावनी दी है। शिमला में टूरिस्ट बसों को एंट्री ना मिलना और ट्रैफिक जाम की समस्या को इसका कारण बताया जा रहा है। इसी के चलते ट्रेवल एजेंट्स शिमला के स्थान पर टूरिस्ट ग्रुपों को मनाली या कश्मीर भेज रहे हैं।
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बता दें कि हर साल समर टूरिस्ट सीजन के दौरान अप्रैल में शिमला के होटलों में 60 से 70 फीसदी ऑक्यूपेंसी गुजरात के पर्यटकों की रहती है। गुजराती पर्यटक लग्जरी बसों से शिमला (Shimla) पहुंचते हैं। शहर में इन बसों को रात नौ बजे से पहले प्रवेश नहीं मिलता। ट्रेवल एजेंट्स (Travel Agents) टैक्सियां बुक कर पर्यटकों को होटलों तक भेजते हैं। जिसमें उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के चलते अब यह ट्रेवल एजेंट्स शिमला की जगह अन्य पर्यटक स्थलों का तरजीह देने लगे हैं।
शिमला टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन (Shimla Tour and Travel Association) के अध्यक्ष नवीन पॉल ने सरकार से इन ट्रैवल एजेंटों से बात करने और शहर के लिए ट्रैफिक प्लान बना कर शहर में पर्यटकों की बसों को एंट्री देने की मांग की है। नवीन पॉल ने कहा कि हर साल बाहरी राज्यों से खासकर गुजरातए बंगाल और महाराष्ट्र से पर्यटकों की बसें आती हैं और यह बसें सीजन ही नहीं बल्कि ऑफ सीजन में भी पर्यटकों को लेकर यहां पहुंचती हैए लेकिन शिमला शहर में बसों को एंट्री ना देने पर कई राज्यों के ट्रैवल एजेंट अपनी बसें भेजने से इंकार कर रहे हैं। जिससे यहां पर पर्यटन कारोबार पर बुरा असर पड़ने वाला है। गुजरात के बाद महाराष्ट्र और बंगाल के एजेंट भी फोन कर बसें ना भेजने की बात कर रहे हैं।