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महाराष्ट्र का अनोखा मंदिर जिसका इतिहास बना रहस्य
महाराष्ट्र (Maharashtra) की इला गंगा नदी के पास स्थित एलोरा गांव (Ellora Village) की गुफाओं में से प्रमुख कैलाश मंदिर है। यह मंदिर दुनिया में रहस्य बना हुआ है। कैलाश मंदिर (Kailash Temple) देखने में जितना अद्धभुत दिखता है उतना ही रहस्य से भरा है। कुछ साल पहले लोगों के लिए इस मंदिर की गुफाओं को खोला गया था लेकिन कुछ समय बाद इन्हें पूरी तरह बंद कर दिया गया। गुफाएं क्यों बंद की गई इसका पता आज तक किसी को नहीं चल सका।
मंदिर के इतिहास के बारे में कोई नहीं जानता
सोशल मीडिया (Social Media) पर कैलाश मंदिर से जुड़ी जानकारियां मौजूद हैं। लेकिन मंदिर का इतिहास (History of Temple) क्या है यह कोई नहीं जानता। कैलाश मंदिर को ऊपर से नीचे तक बनाया गया है। मंदिर की बनावट को देखकर लगता है जैसे किसी मशीनों का प्रयोग कर बनाया गया हो। इस मंदिर के इतिहास के बारे में कोई नहीं जानता। इतिहास के मुताबिक, इस मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूट राजा कृष्ण प्रथम की पत्नी ने 756 ई. से लेकर 773 ई. तक करवाया था। इस मंदिर में एक अभिलेख (Record) मौजूद है जो बहुत खराब हो चुका है। इसे पढ़ पाना मुमकिन नहीं। मंदिर में पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण हुआ है। मंदिर के नीचे गहराई तक गुफाओं, तहखानों, का निर्माण कार्य किया गया है।
रिसर्च के अनुसार इन गुफाओं में है रेडिएशन
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस पहाड़ी से लगभग 400,000 टन पत्थरों को काटा गया होगा और इस कार्य में 7,000 लोग लगे होंगे, जिन्होंने करीब 150 साल तक काम किया होगा। लेकिन स्त्रोतों की मानें तो महज यह मंदिर मात्र 17 वर्षों में बनकर तैयार हो गया था। मंदिर की गुफाएं (Caves of Temple) कुछ साल पहले लोगों के लिए खुली हुई थी पर सरकार द्वारा इन्हें बंद कर दिया गया। आर्कियोलॉजिस्ट की एक रिसर्च के अनुसार इन गुफाओं में रेडिएशन है। तहखानों की गुफाओं के एक स्थान से रेडियो एक्टिविटी तरंगे निकल रही हैं। जिसके चलते इसके अंदर रूकना असंभव है। बता दें कि कैलाश मंदिर की ऊंचाई 90 फिट है और लंबाई 276 फिट है, चौड़ाई 54 फिट है।