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इंटरनेशनल टूरिस्ट डेस्टिनेशन में पहचान बना चुके मैक्लोडगंज में भी उत्तराखंड के जोशीमठ जैसे हालात हो सकते हैं, यदि समय रहते समाज नहीं चेता। विशेषज्ञों का कहना है कि बहुमंजिला इमारतों से भूमि पर बोझ बढ़ता है और पहाड़ों पर पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होना और सीवेज प्रावधान न होना भी इस तरह की आपदा का सबब बन सकता है। उत्तराखंड के जोशीमठ की घटना से हर कोई वाकिफ है, ऐसे में पहाड़ों पर इस तरह की आपदा से बचने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है। पहाड़ों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही निर्माण किए जाने चाहिए, क्योंकि बहुमंजिला निर्माण से भूमि पर लोड पड़ता है और भूमि खिसकने की संभावना बढ़ जाती है। जोशीमठ जैसे ज्वलंत मुद्दे की बात हो रही है ऐसे में हिमाचल के पहाड़ों पर बन रहे बहुमंजिला भवनों का निर्माण भी एक बड़ा मसला है।
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