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अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा: सांस्कृतिक और व्यापारिक कार्यों पर रोक, होगा सिर्फ देव मिलन
शिमला। हिमाचल सहित देश विदेश में अपनी पहचान बना चुका अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा (international Kullu Dussehra) इस बार भी कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया है। दशहरा उत्सव इस बार भी धार्मिक अनुष्ठान तक ही सीमित रहेगा। दशहरा उत्सव में इस बार भी सांस्कृतिक तथा व्यावसायिक गतिविधियां (Cultural and Business Activities) नहीं होंगी। यह फैसला सोमवार को सीएम जयराम की अध्यक्षता में हुई अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के आयोजन से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए राज्य स्तरीय कुल्लू दशहरा समिति की बैठक में लिया गया। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा 15 से 21 अक्तूबर, 2021 तक आयोजित किया जाएगा।
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बैठक में दशहरा मेले के आयोजन से संबंधित विभिन्न सुझाव दिए गए। बैठक में निर्णय लिया गया कि दशहरा उत्सव में आने के लिए सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा। उत्सव के दौरान धार्मिक अनुष्ठान परंपरागत ढंग से आयोजित होंगे, लेकिन इस वर्ष मेले में सांस्कृतिक तथा व्यावसायिक गतिविधियां नहीं होंगी। मेले के शुभारंभ अवसर पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) जबकि सीएम जय राम ठाकुर समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि भाषा एवं संस्कृति विभाग (Language and Culture Department) मेले के आयोजन के लिए 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि जिला प्रशासन कुल्लू को प्रदान करेगा।
कुल्लू दशहरा ने पूरे विश्व में बनाई अलग पहचान
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने दशहरा उत्सव के लिए सभी तैयारियां समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उत्सव के दौरान उचित सुरक्षा व्यवस्था व निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा कोविड-19 महामारी से सुरक्षा के लिए समय-समय पर जारी विभिन्न दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा की प्रदेश ही नहीं बल्कि विश्व में एक अलग पहचान है। यह हमारी धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी ने सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया है। इससे सामान्य जन-जीवन ही नहीं बल्कि विभिन्न गतिविधियों, मेलों, त्योहारों और अन्य आयोजनों को भी प्रभावित किया है।