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शिमला। सीटू (CITU) के बैनर तले मिड डे मील वर्कर्स (Mid Day Meal Workers) इक्टठा हुए। शिक्षा निदेशालय पहुंचकर उन्होंने अपनी मांगों को रखा। इस मौके पर उन्होंने बताया कि उन्हें बीते चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। जबकि बीते 10 साल से उन्हें वेतन के नाम पर महज 2600 रुपए दिए जाते हैं।
उनका कहना है कि पिछले दस सालों में महंगाई कई गुणा बढ़ गई है, महज 2600 रुपए में गुजारा करना मुश्किल है। उन्होंने सरकार से अपनी मांग रखते हुए कहा कि जो मल्टी टास्क वर्कर्स के पद निकाले गए हैं उनमें मिड डे मील वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने इस दौरान बताया कि मिड डे मील वर्कर को ना ही कोई अवकाश दिया जाता है और ना ही मेडिकल की सुविधा मुहैया कराई जाती है।
मिड डे मील वर्कर्स संघ की सचिव हिमी देवी का कहना है, सरकार 84 रूपए दिहाड़ी ना देकर 300 रूपए प्रतिदिन दिहाड़ी दी जाए और महीने का 9000 वेतन दिया जाए। उन्होंने सरकार को धमकी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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