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HRTC के 900 से अधिक पीस मील वर्कर को 5 माह से नहीं मिला मानदेय
धर्मशाला। कोरोना संकट के बीच हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की कार्यशालाओं पर तैनात पीस मील वर्कर को 5 माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे पीस मील वर्कर (Peace Mile Workers) के सामने परिवार चलाने का संकट पैदा हो गया है। पीस मील वर्कर को निगम की कार्यशालाओं में तकनीकी कार्य करने की एवज में मानदेय दिया जाता है, लेकिन आज तक एचआरटीसी की कार्यशालाओं में काम कर रहे 900 से अधिक पीस मील वर्कर को इसका इंतजार है। अधिकारी शीघ्र ही इनको मानदेय देने की बात कह रहे हैं। यह मामला सरकार व एचआरटीसी प्रबंधन के विचाराधीन है। पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की कार्यशालाओं में 900 से अधिक पीस मील वर्कर सेवाएं दे रहे हैं, जिनकी कार्यकुशलता के कारण ही एचआरटीसी की बसें दिन-रात पेचीदा सड़कों और विषम मौसम में सेवाएं दे रही हैं।
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कोरोना के दौर में ये सिर्फ 900 कर्मियों की बात नहीं है, बात 900 से अधिक परिवारों की है। अगर कोरोना संकट के कारण बसें खड़ी हैं और उन्हें काम नहीं दिया जा रहा तो इसमें पीस मील वर्कर की क्या गलती है। ये सरकार की जिम्मेदारी है कि मुश्किल दौर में इन मेहनतकश पीस मील वर्कर का चूल्हा जलता रहे और बच्चों को भूखा ना सोना पड़े। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) से पीस मील वर्कर्स को तुरन्त उनका मानदेय देने की मांग उठाते हुए कहा कि जो उनका हक भी है। पीस मील वर्कर की समस्या का शीघ्र हल नहीं किया जाता है तो कांग्रेस पार्टी उनके लिए सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को मेरा सुझाव है कि कोरोना के इस दौर में सबका ख्याल रखें। चाहे वे पक्के कर्मचारी हों, अनुबंध कर्मी हों, दिहाड़ीदार हों, कारोबारी हों या आम लोग। सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुंह ना मोड़े और किसी को उसके हकों के लिए ना तरसाए।
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