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गले मिलकर नहीं बोल कर दी नमाजियों ने ईद- उल- अजहा की मुबारकबाद
शिमला। कोरोना महामारी के कारण तकरीबन डेढ़ साल के बाद शिमला शहर की मस्जिदों में आज पहली बार खुशी के साथ ईद मनाई गई,मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिद जाकर ईद की नमाज अदा की और एक दूसरे को मुबारकबाद दी।इस मौके पर लोगों ने सरकार द्वारा जारी कोरोना नियमों का पालन करते हुए नमाज अदा की। इस त्योहार पर एक दूसरे को गले लगा कर मुबारकबाद देने की परंपरा को न अपनाते हुए नमाजियों ने सामाजिक दूरी का पालन किया और बोल कर मुबारकबाद दी।इस अवसर पर लक्कड़ बाजार ईदगाह के मौलाना मुमताज अहमद ने लोगों को ईद उल अजहा की मुबारकबाद देते हुए लोगों को देश के लिए कुर्बानी, प्रेम,आपसी भाईचारे और सुख शांति का संदेश दिया, साथ ही उन्होंने लोगों से कोरोना के नियमों का पालन करने का आग्रह किया।
इस शुभअवसर पर उन्होंने समस्त देशवासियों की सुख-शांति की कामना करते हुए कोरोना महामारी के जल्द से जल्द खत्म होने की दुआ की। मौलाना ने लोगों को ईद उल अजहा मनाए जाने के इतिहास की भी जानकारी दी।इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक यह ईद रमजान के खत्म होने के 2 महीने बाद मनाई जाती है इस दिन आमतौर पर विशेष समुदाय के लोगों द्वारा अल्लाह को बकरे की कुर्बानी दी जाती है इसीलिए इस त्यौहार को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार कुर्बानी के दिन के रूप में याद किया जाता है।