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मुस्लिमों ने दिया कश्मीरी पंडित के शव को कांधा, सेना ने बर्फीले तूफान से बचाए जच्चा-बच्चा
जम्मू। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से दो बेहतरीन तस्वीरें सामने आई हैं। एक तस्वीर उन लोगों के लिए तमाचा है जो कहते हैं कि भारतीय सेना (Indian Army) घाटी में लोगों को जुल्म ढहा रही है और दूसरी तस्वीर उन लोगों के लिए तमाचा है जो हिंदू-मुस्लिम एकता ( Hindu Muslim Unity) में दरार डाल सौहार्द खराब करने साजिशें रचते रहते हैं। कश्मीर के इमामसाहिब (Imamsahib) इलाके के परगोची गांव
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में एक कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) की मौत होने पर मुस्लिम समुदाय (Muslim community) के लोगों ने शव को दस किलोमीटर दूर घर तक पैदल पहुंचाया तो दूसरा तस्वीर कश्मीर के कुपवाड़ा से सामने आई जहां सेना ने बर्फ के बीच जच्चा-बच्चा को घर तक सुरक्षित पहुंचाया।
जानकारी के अनुसार इमामसाहिब के परगोची गांव के रहने वाले कश्मीरी पंडित भास्कर नाथ का शनिवार को श्रीनगर के स्किम्स में निधन हो गया। भास्कर नाथ का शव एंबुलेंस के माध्यम से शोपियां तक लाया गया, लेकिन बर्फबारी के चलते एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई। ऐसे में भास्कर नाथ के परिजनों ने पड़ोसियों से मदद मांगी। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दस किलोमीटर तक पैदल शव को घर तक पहुंचाया। यही नहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ही अंतिम संस्कार का भी पूरा प्रबंध किया।
इसके अलावा दूसरा मामला कश्मीर के कुपवाड़ा का है, जहां सेना के जवान जच्चा-बच्चा के लिए फरिश्ता बनकर सामने आए। बताया जा रहा है कि सेना को मदद के लिए फोन आया था। बताया गया कि जच्चा-बच्चा बर्फीले तूफान में फंस चुके हैं। सेना मदद के लिए पहुंची और बर्फबारी के बीच छह घंटे तक जच्चा बच्चा को कंधों पर उठाकर सुरक्षित घर तक पहुंचाया। भावुक होकर फारुख और उसके परिवार ने सेना के जवानों का धन्यवाद भी किया।