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भारत में बेडरूम और म्यांमार में रसोई! मोदी सरकार का ये फैसला किसकी बढ़ाएगा टेंशन?
India Myanmar Border: नेशनल डेस्क। मोदी सरकार (Modi Government) के भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घुसपैठ को रोकने के लिए किया गया बड़ा ऐलान कई लोगों की टेंशन बढ़ाएगा। 1643 किलोमीटर दूरी में फैली भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़बंदी करने के सरकार के फैसले से मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के लोगों में अलग-अलग तरह की चिंताएं बढ़ रहीं हैं। म्यांमार सीमा (Myanmar Border) से लगते कितने ही भारतीय सीमांत इलाके ऐसे हैं जहां केवल खेत ही नहीं बल्कि कुछ घर भी दो देशों में बंटे हुए हैं। इन घरों की रसोई म्यांमार में है तो बेडरूम भारत में। ऐसे में अगर पूरे बॉर्डर पर बाड़ेबंदी (Fencing) होती है तो सीमांत गांवों में रहने वाले लोगां का क्या होगा? गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, सीमा पर हाइब्रिड सर्विलांस सिस्टम के जरिए फेंसिंग की जाएगी। कुल सीमा में से मणिपुर के मोरेह में 10 किलोमीटर के हिस्से में बाड़ लगाई भी जा चुकी है।
16 किलोमीटर की आवाजाही का क्या होगा?
हिंसाग्रस्त मणिपुर (Manipur) के हालात बिगाड़ने में विदेशी ताकतों की साजिश के दावों के बीच ये फैसला मोदी सरकार ने लिया है। कुछ लोगों का मानना है कि ये फैसला सही है। इससे देश की सुरक्षा बढ़ेगी। लेकिन वहीं, विपक्ष के लोगों का कहना है कि एक्ट ईस्ट नीति के तहत मई 2018 में दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही समझौते मामले में सहमति पत्र पर साइन किए गए थे। जिसमें दोनों देशों के बॉर्डर इलाके में रहने वाले लोगों को 16-16 किलोमीटर तक आने-जाने की सुविधा थी। इसके लिए उन्हें किसी भी पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं है। बस एक साधारण परमिट से आवाजाही हो सकती है। लेकिन, अब अगर बाड़ेबंदी हुई तो ये 16 किमी की आवाजाही रूक जाएगी और जिन लोगों के खेत,घर, परिवार दोनों देशों में हैं उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी।