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पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह जारी, सिद्धू का अल्टीमेटम- DGP, AG या मैं?
चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पड़ोसी राज्य में कांग्रेस की अंदरूनी कलह की कलई बार बार खुल रही है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjeet Singh Channi) और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के बीच पावर पॉलिटिक्स की गेम अक्सर मीडिया की सुर्खियां बनाते रहती है। एक बार फिर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी सरकार पर हमला कर सियासी महौल को गरमा दिया है। अपने अंदाज में सीएम को अल्टीमेटम देते हुए सिद्धू ने कहा कि बेअदबी के मुद्दे पर समझौता करने वाले अफसर चाहिए या मैं, पंजाब सरकार तय कर ले।
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चन्नी सिद्धू में खींचतान जारी
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस के हालात एक बार फिर बिगड़ने शुरू हो गए हैं। सीएम चन्नी ने सिद्धू की इस पावर पॉलिटिक्स की गेम पर आपत्ति जताई है। इसके साथ ही कांग्रेस हाईकमान के सामने यह मुद्दा भी उठाया है। बता दें कि सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी पर से हटाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया। चन्नी के सीएम बनने के बाद कई मौकों पर सिद्धू उन्हें अपना छोटा भाई बता चुके हैं। लेकिन ताजपोशी के बाद कई बाद कई मौकों पर बड़े मियां और छोटे मियां के बीच खींचतान देखी गई है।
सरकार के कामकाज में सिद्धू की दखल
पंजाब की सियासत को बारीक से जानने वाले कहते हैं कि सिद्धू जिस तरह से बार-बार चन्नी सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं, उससे सीएम खुश नहीं हैं। सिद्धू के दबाव के बावजूद चन्नी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सलाह पर कुछ भी टिप्पणी करने से बच रहे हैं। हालांकि, चन्नी ने सिद्धू की ओर से बनाई जा रहे दबाव के बारे में पार्टी आलाकमान को बता दिया है।
बैठक बीच में ही छोड़ कर चले गए सिद्धू
बताया जाता है कि चन्नी ने पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी को भी साफ कर दिया है कि जब तक कैबिनेट स्तर पर सहमति नहीं बन जाती, तब तक किसी के भी दबाव में कोई नियुक्ति रद्द नहीं की जाएगी। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिद्धू ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि सीएम पद के लिए उन्होंने चन्नी का नाम आगे बढ़ाया था। सिद्धू ने चुनौती दी कि कांग्रेस सरकार तय करे कि उन्हें अधिकारी चुनना है या उन्हें। सिद्धू के मीडिया के सामने दिए गए इस बयान के बाद चंडीगढ़ से लेकर नई दिल्ली तक कांग्रेस हाईकमान हरकत में आ गया। खुद पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने सीएम चन्नी और सिद्धू को बैठक के लिए बुलाया। मिली जानकारी के अनुसार सिद्धू अपनी जिद पर अड़े रहे। सिद्धू ने इस बार भी नियुक्तियों का मुद्दा उठाया और बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए।
सिद्धू की पॉलिटिक्स ने कई नेता नाखुश
गौरतलब है कि हाल ही में सिद्धू और चन्नी केदारनाथ यात्रा पर गए हुए थे। कांग्रेस आलाकमान को उम्मीद थी कि केदारनाथ दोनों को साथ लाएंगे, लेकिन एक बार फिर दोनों नेताओं के बीच दरार बढ़ गई है। सिद्धू लगातार कांग्रेस सरकार के खिलाफ खुलेआम अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उनकी यह हरकत पार्टी नेताओं को ये पसंद नहीं आ रहा है। उसकी वजह ये है कि सिद्धू पंजाब में पार्टी के अध्यक्ष हैं और दूसरा कि चुनाव पास आ रहे हैं।
कांग्रेस के कई नेता गुपचुप तरीके से सिद्धू को पार्टी और सरकार के लिए परेशानी पैदा करने वाला बता रहे हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘नवजोत सिंह सिद्धू दशकों तक आरएसएस और बीजेपी के साथ रहे। जब विरोधी पार्टी सत्ता में होती है तो भी सरकारी अधिकारी काम करते हैं। क्या वो सरकार बदलने पर इस्तीफा दे देते हैं। जब आप अधिकारियों पर भरोसा नहीं करेंगे तो पार्टी को भी आप पर क्यों भरोसा करना चाहिए क्योंकि आप बीजेपी से आए हैं।’
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