-
Advertisement
सूरत-ए-हालः Himachal के इस गांव में ना तो सड़क बनी और ना ही स्वास्थ्य उपकेंद्र खुला
कुल्लू। तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत शिल्ली के गरुली गांव में आज दिन तक ना तो सड़क बन पाई है और ना ही अधिसूचना (Notification) के बावजूद स्वास्थ्य उपकेंद्र शुरू हो पाया है। हालांकि, जयराम सरकार में परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर (Transport Minister Govind Thakur) भी स्वास्थ्य उपकेंद्र को चालू करने का आश्वासन दे चुके हैं, फिर भी स्वास्थ्य उपकेंद्र (Health Sub Center) की सुविधा लोगों को नहीं मिल पाई है। आज भी किसी के बीमार होने पर पालकी या अन्य साधन से मरीज को 6 किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है। ऐसा ही एक मामला आज सामने आया है। गरुली गांव की लीला देवी पत्नी डुर सिंह को पिछले कल रात से ही पेट दर्द की शिकायत थी जो पूरी रात दर्द से कराहती रही। सुबह महिला को लकड़ी से बनाई कुर्सी की पालकी पर उठा कर गरुली गांव से करीब छह किलोमीटर दूर मुख्य सड़क मार्ग तुंग तक लाया गया। उसके बाद इसे किसी निजी वाहन में इलाज के लिए बंजार अस्पताल ले जाया गया।
यह भी पढ़ें: इस जिला में अब छोटी दिवाली पर 13 नवंबर को होगा Local Holiday
सड़क ना होने से शहीद का गांव से 5 किलोमीटर दूर करना पड़ा था अंतिम संस्कार
बता दें कि आज तक गरुली गांव में सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई है, जिस कारण स्कूली छात्रों, बीमार और बुजुर्ग व्यक्तियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बीते सप्ताह सड़क सुविधा ना होने से राजस्थान के बीकानेर में शहीद हुए पंचायत के गरूली गांव के जवान लगन चंद का गांव से 5 किलोमीटर पीछे अंतिम संस्कार करना पड़ा था, जिससे ग्रामीणों को बहुत दुख हुआ था और यह खासा चर्चा का विषय भी बना था। साल 2019 में भी जम्मू-कश्मीर (J&K) में भारतीय सेना में तैनात डाबे राम पुत्र प्यारे राम गांव गरुली के मकान में आग लगी थी, सड़क सुविधा ना होने के कारण गांव में फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं आ सकी और देखते ही देखते पूरा मकान जलकर राख हो गया, जिसमें लगभग 15 लाख का नुकसान हुआ था।
यह भी पढ़ें: Sirmaur में मां-बेटी की Corona रिपोर्ट फिर आई पॉजिटिव, अब दोबारा Check होंगे सैंपल
स्थानीय निवासियों कैप्टन लालचंद, पूर्व प्रधान मान दास,गौतम नेगी, रणजीत सिंह, गोविंद सिंह, गोकुल चंद, डोलाराम, वार्ड पंच भादर सिंह, लोत राम, दिलीप सिंह, शेष राम, मुरली चंद, मेहर चंद, बृजलाल, किशोर चंद, जीतराम, दशमी राम, वेदराम, ज्ञानचंद, सोनू, शोभाराम व प्यारे राम आदि का कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र की पंचायत के लोग लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं। वर्ष 2017 में इसकी प्रदेश सरकार ने अधिसूचना भी कर दी थी, लेकिन उसके फंक्शनल आर्डर जारी नहीं किए और पदों की व्यवस्था नहीं की थी, उसके पश्चात वर्तमान विधायक (MLA) से सरकार से लगातार फंक्शनल ऑर्डर (Functional Order) करने तथा पदों की व्यवस्था करने के लिए पत्राचार कर रहे हैं। वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर शहीद को श्रद्धांजलि देने और एक बार उससे पहले नवंबर 2019 में पुल के शिलान्यास के दौरान गांव आए थे, उन्होंने भी स्वास्थ्य उपकेंद्र को चालू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। लोगों को अपने प्राथमिक उपचार के लिए गर्भवती महिलाओं तथा अस्वस्थ लोगों को टीकाकरण व दवा के लिए भी 8 किलोमीटर दूर पैदल बठाहड़ जाना पड़ता है।
यह भी पढ़ें: ब्रेकिंगः Himachal में कितना बढ़ेगा बस किराया, 1 जून से चलेंगी निजी बसें या नहीं-जानिए
ग्राम पंचायत शिल्ली के उप-प्रधान मोहर सिंह ठाकुर का कहना है कि 10 साल के अंतराल में गांव में 3 बार आगजनी की घटना हो चुकी है, सड़क सुविधा ना होने से ग्रामीणों का बहुत नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि पंचायत क्षेत्र के गांव गरुली,परवाड़ी, थाटा के लिए सड़क जो वर्ष 2016 में विधायक प्राथमिकता में डाली गई थी, उसके लिए तीन बार सर्वेक्षण किया गया। इसके बाद ग्रामीणों में सहमति बनी। इस सड़क के निर्माण के लिए 52 लोगों ने अपने 96 खसरा नंबर लोक निर्माण विभाग के नाम रजिस्ट्री कर दी है। सड़क की ज्वाइंट इंस्पेक्शन, डिजिटल मैपिंग तथा अन्य दस्तावेज बनकर तैयार हैं।