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राजस्थान में सुलझी कांग्रेस की गुत्थी, आज नई कैबिनेट का होगा शपथग्रहण
Last Updated on November 21, 2021 by saroj patrwal
जयपुर। राजस्थान (Rajsthan) में आखिरकार कांग्रेस की गुत्थी सुलझ गई। महीनों तक चली सियासी रार के बाद अब सुलह के संकेत दिखाई दिए। सीएम अशोक गहलोत के सभी मंत्रियों के इस्तीफे के बाद आज नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण होने जा रहा है। राजनीतिक हलकों से खबरें सामने आ रही है कि नई कैबिनेट की शपथ के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी तकरार धीरे-धीरे शांत पड़ती जाएगी।
गहलोत कैबिनेट में रविवार को चार नए मंत्री शपथ लेने जा रहे हैं। इसी बीच सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि जो कुछ कमियां थीं, उसपर कांग्रेस हाईकमान ने ध्यान दिया और उसे पूरा किया। सचिन पायलट ने कहा कि मंत्रिमंडल की नई सूची से अच्छा और साकारात्मक संदेश गया है। सचिन ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि पार्टी आलाकमान और राज्य सरकार ने इसका संज्ञान लिया।’ बता दें कि शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर हुई बैठक में गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था।
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मिशन 2023 में जुटी कांग्रेस
आपसी रार खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव जीतकर दोबारा सत्ता में आएगी। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि सीएम अशोक गहलोत से उन्हें कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस एकजुट होकर काम कर रही है। आज राजस्थान में हर वर्ग कांग्रेस के साथ जुड़कर काम कर रहा है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जिस तरह मौका दिया गया है उससे वह संतुष्ट हैं।
हाशिए पर जा रही है बीजेपी
सचिन पायलट ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी अब हाशिए पर जा रही है। उनका वजूद राज्य में सिकुड़ता जा रहा है। जिसके चलते आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी।
सचिन पायलट खेमे से पांच मंत्री
सचिन पायलट खेमे के जिन लोगों को मंत्रालय में शामिल किया गया है, उनमें विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा और हेमाराम चौधरी कैबिनेट मंत्री हैं, इसके अलावा बृजेंद्र ओला और मुरारी मीणा राज्य मंत्री हैं। हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के करीबी नेता हैं। पिछले साल अशोक गहलोत ने इन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। इसको लेकर सचिन पायलट नाराज चल रहे थे, लेकिन गहलोत ने फिर से सचिन पायलट के करीबियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है।