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#MonsoonSession: नई शिक्षा नीति रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनाएगी
Last Updated on September 16, 2020 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र ( Monsoon session of Himachal Pradesh vidhansabha) के दौरान आज नई शिक्षा नीति ( New Education Policy) पर हुई चर्चा के जवाब में शिक्षा मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर ( Education Minister Gobind Singh Thakur) ने कहा कि नई शिक्षा नीति रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनाएगी। यह रोजगार परक नीति है जिसे हिमाचल में लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि इसे नई शिक्षा नीति नहीं बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति कहेंगे क्योंकि ये पूरे देश में लागू हो रही है। महात्मा गांधी ने शिक्षा प्रणाली को द ब्यूटीफुट- ट्री कहा था। शिक्षा प्रणाली केवल एक सांचा है जिसका कार्य वैसा मनुष्य बनाना है जैसा आप चाहते है। इसपर विचार करने से पहले हमें तय करना होगा कि हम कैसा मनुष्य चाहते हैं तभी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि पहली शिक्षा नीति वर्ष 1968 में आई जिसके बाद 1986 और फिर 1992 में आई। सतत प्रक्रिया है, जिसके तहत अब 34 साल बाद नई नीति आई है। यह किसी एक पार्टी या सरकार की नहीं बल्कि पूरे देश की नीति होती है।
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नई नीति का लक्ष्य देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है। वर्ष 2040 तक भारत में ऐसी शिक्षा व्यवस्था का ढांचा बनाया जाएगा जो किसी से पीछे नहीं होगा। समान रूप से गुणवत्ता युक्त शिक्षा सभी को मिले इसका ध्येय है। इसको लागू करने में आर्थिक दृष्टि से भी कमी नहीं रहनी चाहिए ऐसा प्रावधान रखा गया है। शिक्षा मंत्री गोबिंद सिंह ने कहा कि शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6 फीसदी बजट कभी नहीं मिला लिहाजा वर्तमान सरकार इसे बढ़ा रही है। भारत सरकार इसका प्रावधान कर रही है। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल के अलावा कुमार स्वामी कस्तूरीनंदन जोकि ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष रहे का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार कैबिनेट इसे लागू करने पर सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। सभी विधायकों को इसका लिखित प्रारूप दिया है। अभी नीति बनी है इसका विस्तृत खाका अभी बन रहा है। देश के एक हजार विश्वविद्यालयों के कुलपति, दो लाख से ज्यादा लोगों के सुझाव लिए गए हैं। यह नीति 2020-21 की है।
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि लिखित में भी विधायक अपने सुझाव दे सकते हैं। हिमाचल में क्या नया जोड़ सकते हैं उसकी व्यवस्था भी इसमें है। विधायकों की समिति बनाकर इसपर काम करने में भी कोई गुरेज नहीं है। छात्रों की मेधा को खांचे में बंद करने की बजाय उन्हें मुक्त वातावरण में शिक्षा लेने की व्यवस्था इसमें है। यह रोजगार परक नीति है जो रोजगार लेने वालों को नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनाएगी। बच्चे इससे सर्वांगीण उन्नति करेंगे। वर्ष 2030 तक 50 फीसदी लोगों को व्यावसायिक दृष्टि से खड़ा करने का लक्ष्य रखा गया है। करोड़ों बच्चों के भोजन का भी प्रावधान है जोकि पौष्टिक होगा।