-
Advertisement
गुम हुई घराट की आवाज भूला बेठै आटे का स्वाद
/
HP-1
/
Sep 04 20213 years ago
घराट जिसे पनचक्की के नाम से भी जाना जाता है। सदियों से पहाड़ी इलाकों में पनचक्की से चलने वाले घराट लोगों को पौष्टिक आटा देकर जीवन प्रदान करते थे।लेकिन अब घराट संस्कृति आखिरी सांसें गिन रही है। अब नां तो घराट की आवाज सुनने को मिली है और ना ही इन में पीसे जाने वाले आटे का स्वाद मिलता है। अधिकतर घराट अब विलुप्त हो चुके हैं, उनकी जगह अब बिजली से चलने वाली आटा चक्कियों ने ले ली है।
Tags